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केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि ईपीएफओ का सेंट्रल बोर्ड ही तय करता है कि किसी वित्त वर्ष में प्रोविडेंट फंड पर किस दर से ब्याज दिया जाना चाहिए
EPFO Interest Rate: करीब 10 दिन पहले रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए पीएफ की ब्याज दरों में कटौती का फैसला किया था. चौतरफा आलोचनाओं के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने इसे लेकर राज्यसभा में सोमवार (21 मार्च) को सफाई पेश की. उन्होंने कहा कि पीएफ की ब्याज दरों पर ईपीएफओ का सेंट्रल बोर्ड फैसला लेता है और उन्होंने इसमें काफी समय से बदलाव नहीं किया था. वित्त मंत्री ने कहा कि इसकी ब्याज दरों में जो कटौती की गई है, वह मौजूदा समय की वास्तविकता है.
अभी वित्त मंत्रालय की मंजूरी है बाकी
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि ईपीएफओ का सेंट्रल बोर्ड ही तय करता है कि किसी वित्त वर्ष में प्रोविडेंट फंड पर किस दर से ब्याज दिया जाना चाहिए और इसने काफी लंबे समय से इसकी दरें नहीं घटाई थी. सीतारमण ने कहा कि अब बोर्ड ने इसकी दर को 8.4 फीसदी से घटाकर 8.2 फीसदी करने का फैसला किया है. ईपीएफओ का जो बोर्ड यह फैसला करता है, उसमें वर्कर्स, मैनेजमेंट और सरकार के प्रतिनिधि शामिल होते हैं और सभी ने मिलकर यह फैसला किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि दरों में कटौरी मौजूदा वक्त की सच्चाई है. हालांकि इसे भी वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलनी बाकी है.
44 साल के निचले स्तर पर पीएफ की ब्याज दर
ईपीएफओ बोर्ड के फैसले को वित्त मंत्रालय की मंजूरी मिलने के बाद चालू वित्त वर्ष में पीएफ खाते में जमा पैसों पर 8.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा जो 1977-78 के बाद से यानी कि 44 साल में सबसे कम है. 1977-78 में ईपीएफ की ब्याज दर 8 फीसदी पर थी. पिछले वित्त वर्ष 2020-21 में यह 8.5 फीसदी पर था. ईपीएफओ के करीब चार करोड़ सब्सक्राइबर्स हैं.