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Return Chart: वित्त वर्ष 2023 की बात करें तो सोने और चांदी के लिहाज से बेहतर रहा है.
Investment Strategy in FY24: वित्त वर्ष 2023 सोने और चांदी के लिहाज से बेहतर रहा है. असल में इस पूरे 1 साल के दौरान ग्लोबल शेयर बाजारों में उतार चढ़ाव बना रहा. महंगाई, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध, सप्लाई चेन में रुकावट, रेट हाइक, मंदी की आशंका के चलते इक्विटी में निवेशक अलर्ट रहे या बिकवाली की. दूसरी ओर इस दौरान सोना और चांदी सेफ हैवन साबित हुआ. सोने ने एक बार फिर नया रिकॉर्ड बनाया और 60 हजारी बना तो चांदी भी 70 हजार के पार निकल गई. जबकि इस दौरान सेंसेक्स और निफ्टी तकरीबन फ्लैट रहे. एक्सपर्ट आगे भी कुछ महीने ऐसा ह ट्रेंड देख रहे हैं. उनका कहना है कि वित्त वर्ष 2023 की ही तरह अगले वित्त वर्ष भी सोने और चांदी की कीमतों को सपोर्ट रहेगा. जबकि कई फैक्टर ऐसे हैं जो इक्विटी पर दबाव बनाए रहेंगे.
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वित्त वर्ष 2023 में इक्विटी मार्केट का रिटर्न
अप्रैल 2022: -2.07%
मई 2022: -3.03%
जून 2022: -4.85%
जुलाई 2022: 8.73%
अगस्त 2022: 3.50%
सितंबर 2022: -3.74%
अक्टूबर 2022: 5.37%
नवंबर 2022: 4.14%
दिसंबर 2022: -3.48%
जनवरी 2023: -2.45%
फरवरी 2023: -2.45%
मार्च 2023: -0.16%
कुल रिटर्न: 2.87%
वित्त वर्ष 2023 में गोल्ड का रिटर्न
अप्रैल 2022: -0.79%
मई 2022: -1.75%
जून 2022: -0.65%
जुलाई 2022: 1.80%
अगस्त 2022: -1.97%
सितंबर 2022: -0.44%
अक्टूबर 2022: 0.26%
नवंबर 2022: 5.18%
दिसंबर 2022: 3.94%
जनवरी 2023: 3.95%
फरवरी 2023: -2.51%
मार्च 2023: 7.45%
कुल रिटर्न: 18.02%
वित्त वर्ष 2023 में सिल्वर का रिटर्न
अप्रैल 2022: -4.65%
मई 2022: -5.01%
जून 2022: -3.66%
जुलाई 2022: -0.88%
अगस्त 2022: -8.94%
सितंबर 2022: 6.97%
अक्टूबर 2022: 1.44%
नवंबर 2022: 10.03%
दिसंबर 2022: 9.38%
जनवरी 2023: -0.84%
फरवरी 2023: -6.11%
मार्च 2023: 11.59%
कुल रिटर्न: 9.42%
(return source: Kedia Commodity)
सोने और चांदी में निवेश बेहतर स्ट्रैटेजी
केडिया कमोडिटी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि आने वाले वित्त वर्ष में भी इक्विटी बाजार पर दबाव रहने की आशंका है. वित्त वर्ष 2024 में इक्विटी बाजारों में ग्रोथ मॉडरेट रह सकती है. इसमें 5-6 फीसदी ग्रोथ रह सकती है. क्योंकि घरेलू फैक्टर मसलन राज्यों के चुनाव और उसके बाद 2024 में आम चुनाव के चलते राजनीतिक अनिश्चितता वाला फैक्टर बाजार पर हावी रहेगा. वहीं महंगाई का कंसर्न बना हुआ है, जबकि ग्लोबल मंदी, जियो पॉलिटिकल टेंशन और ट्रेड वार जैसे फैक्टर निवेशकों के सेंटीमेंट पर असर डालेंगे. दूसरी ओर, बुलियन मार्केट के लिए पॉजिटिव संकेत हैं. नए फाइनेंशियल ईयर में सोने में 10-12 फीसदी और चांदी में 30 फीसदी तक हाई रिटर्न मिल सकता है. इसके पीछे वजह यह है कि इन एसेट क्लास को अनिश्चितता और संकट के समय सेफ हैवन माना जाता है. इसके अलावा, केंद्रीय बैंकों की खरीद और इंडस्ट्रियल डिमांड से सोने और चांदी की कीमतों को सपोर्ट मिल सकता है.
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62000 रु तक जा सकता है सोना, 78000 रु चांदी
आईआईएफएल के वीपी रिसर्च, अनुज गुप्ता भी सोने और चांदी को लेकर पॉजिटिव हैं. उनका कहना है कि अभी फिलहाल शेयर बाजार में अनिश्चितता बनी हुई है. यह अनिश्चितता अभी कुछ महीने तो चलने वाली है. इससे सोने और चांदी में मूवमेट बना रहेगा. डॉलर इंडेक्स में भी वीकनेस बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं. आने वाले दिनों में यह 100 के लेवल से नीचे जा सकता है. चीन में रीोपनिंग से इंडस्ट्रियल डिमांड अचानक से बढ़ने वाली है, जिससे खासतौर पर चांदी को मजबूत सपोर्ट मिलेगा. जियो पॉलिटिकल टेंशन भी अभी खत्म होता नहीं दिख रहा है. उनका कहना है कि नए फाइनेंशियल में सोना 62 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम तक का लेवल दिखा सकता है. जबकि चांदी में भी 75000 से 78000 का लेवल दिखने की उम्मीद है.