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IIP Growth: माइनिंग व मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मामूली सुधार के चलते इस साल जनवरी 2022 में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में सालाना आधार पर 1.3 फीसदी की ग्रोथ देखने को मिली, जबकि दिसंबर 2021 में यह ग्रोथ 0.7 फीसदी रही थी. इसके मुकाबले पिछले साल जनवरी 2021 में आईआईपी में 0.6 फीसदी की कमी देखने को मिली थी. यानी इस बार जनवरी में 1.3 फीसदी की बढ़त में लो बेस इफेक्ट का भी योगदान है. दूसरे शब्दों में कहें तो जनवरी 2022 में औद्योगिक उत्पादन जनवरी 2020 के मुकाबसे 0.7 फीसदी ही बढ़ा है.दूसरी तरफ कंज्यूमर ड्यूरेबल और बिजली जैसे अहम सेक्टर्स में गिरावट देखने को मिली है. ये सभी आंकड़े केंद्र सरकार के स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेंटेशन मंत्रालय की तरफ से जारी किए जाते हैं.
पिछले वित्त वर्ष में ज्यादातर सेगमेंट में गिरावट आई थी
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- पिछले साल जनवरी 2021 में माइनिंग सेक्टर में 2.4 फीसदी की गिरावट आई थी, जबकि जनवरी 2022 में यह 2.8 फीसदी की दर से बढ़ गया.
- मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की बात करें तो यह पिछले साल जनवरी में 0.9 फीसदी घट गया था, जबकि इस साल जनवरी 2022 में सालाना आधार पर 1.1 फीसदी की दर से बढ़ा है.
- पिछले साल बिजली उत्पादन सालाना आधार पर 5.5 फीसदी की दर से बढ़ा था लेकिन इस साल जनवरी 2022 में इसमें 0.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई.
- वित्त वर्ष 2021-22 के शुरुआती 10 महीने में आईआईपी ग्रोथ 13.5 फीसदी रही, जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 12 फीसदी घट गई थी. यानी 13.5 फीसदी के इस आंकड़े में पिछले वित्त वर्ष के लो बेस का भी अच्छा खासा योगदान है.
- कैपिटल गुड्स आउटपुट इस साल जनवरी में 1.4 फीसदी घटा है, लेकिन पिछले साल जनवरी में इससे भी अधिक गिरावट थी. जनवरी 2021 में यह गिरावट 9 फीसदी थी.
- कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेगमेंट भी निगेटिव जोन में रहा. इसमें सालाना आधार पर 3.3 फीसदी की गिरावट देखने को मिली,लेकिन प्राइमरी ड्यूरेबल्स सेगमेंट 1.6 फीसदी की दर से बढ़ा. प्राइमरी ड्यूरेबल्स की आईआईपी में 34 फीसदी हिस्सेदारी है. इंटरमीडिएट गुड्स, इंफ्रा गुड्स व कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल के सेगमेंट में भी ग्रोथ पॉजिटिव रही.
(Input: PTI)