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29 नवंबर को ट्रैक्टर से संसद कूच स्थगित करने का ऐलान करते किसान नेता.
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधि संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने एमएसपी को कानूनी दर्जा दिलाने की मांग के लिए निकाली जा रही अपनी 29 तारीख ट्रैक्टर रैली स्थगित कर दी है. किसान इस दिन अपनी मांग के समर्थन में ट्रैक्टर से पार्लियामेंट की ओर कूच करने वाले थे. संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि मोर्चे की अगली बैठक 4 दिसंबर को होगी, जिसमें आगे की रणनीति पर विचार किया जाएएगा. उन्होंने कहा कि मांगें पूरी होने तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा, किसानों के खिलाफ एफआईआर रद्द हो
आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दायर एफआईआर वापस लेने की मांग पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर की टिप्पणी के बाद किसान नेता ने कहा कि पीएम मोदी को राज्यों और रेलवे को किसानों के खिलाफ एफआईआर वापस लेने का निर्देश देना चाहिए. तोमर ने कहा था कि एफआईआर राज्य का विषय है और वही इसे वापस ले सकते हैं.
किसान नेताओं ने कहा- सरकार हमसे आमने-सामने बात करे
भारतीय किसान यूनियन( BKU) के नेता राजवीर सिंह जादौन ने कहा कि सरकार को किसानों के मु्द्दे सुलझाने के लिए उनके सामने बैठ कर बातचीत करनी चाहिए. उन्होंने कहा, "जब तक हमारी एमएसपी की डिमांड पूरी नहीं हो जाती तब तक हमारा विरोध जारी रहेगा. हमारे खिलाफ एफआईआर की गई. कई किसान शहीद हो गए. फिर लखीमपुर खीरी का मामला हो गया. बेकसूर किसानों के खिलाफ एफआईआर हुई. कइयों को जेल भेजा गया. सरकार को इन मुद्दों पर बात करनी चाहिए. हम सरकार की घोषणाओं पर राजी नहीं हैं. हम आकाशवाणी से नहीं मानने वाले. सरकार को किसानों के साथ बैठ कर एक सम्मानजनक समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए. हम आगे क्या फैसला लेंगे इस पर अगले महीने 4 तारीख की बैठक में चर्चा होगी."
कृषि मंत्री तोमर ने कहा था कि कृषि कानूनों को वापस लेने से जुड़ा बिल संसद सत्र के पहले ही दिन सदन की मेज पर रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि पीएम ने एमएसपी सिस्टम को ज्यादा पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए एक कमेटी गठित करने का ऐलान किया है. उन्होंने कहा है कि किसानों को जल्द अपना आंदोलन खत्म कर घर लौटना चाहिए.