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चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून 2021-22) में एफडीआई (FDI) में दोगुना बढ़ोतरी हुई है . इस तिमाही में देश में 22.53 अरब डॉलर का एफडीआई आया, जबकि पिछले वित्त वर्ष ( 2020-21) की पहली तिमाही में देश में कुल 11.84 अरब डॉलर का एफडीआई आया था. वित्त वर्ष की पहली तिमाही में FDI इक्विटी प्रवाह 168 फीसदी बढ़कर 17.57 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो एक साल पहले समान तिमाही में 6.56 अरब डॉलर था. कुल FDI इक्विटी प्रवाह में सबसे अधिक 27 फीसदी हिस्सेदारी ऑटोमोबाइल सेक्टर की रही. उसके बाद कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर (17 फीसदी) और सर्विस सेक्टर (11 फीसदी) का हिस्सा रहा.
केंद्र ने कहा, एफडीआई पॉलिसी में सुधार से बढ़ा रहा है निवेश
केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के दौरान सबसे अधिक एफडीआई इक्विटी प्रवाह कर्नाटक में रहा. इसमें कुल एफडीआई का 48 फीसदी कर्नाटक में आया. महाराष्ट्र का 23 फीसदी और दिल्ली का 11 फीसदी हिस्सा रहा. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने कहा कि सरकार की ओर से FDI पॉलिसी के मोर्चे पर उठाए गए कदमों, निवेश सुगमता और इज ऑफ डुइंग बिजनेस से देश में FDI बढ़ा है.
सरकार ने कहा, लगातार बढ़ रहा है.
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अप्रैल-मई में भी एफडीआई की रफ्तार बढ़ी
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के मुताबिक देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) बढ़ रहा है और इस साल मई में यह बढ़कर 12.1 अरब डॉलर पर पहुंच गया. भारत ने 2020-21 में अब तक का सबसे अधिक एफडीआई हासिल किया है यह 10 फीसदी बढ़कर 81.72 अरब डॉलर हो गया. मई 2021 में एफडीआई 12.1 अरब डॉलर रहा जो मई 2020 की तुलना में 203 फीसदी अधिक है. अप्रैल 2021 में देश में आना वाला एफडीआई 6.24 अरब डॉलर रहा. अप्रैल 2020 के मुकाबले यह 38 फीसदी ज्यादा है.