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ग्लोबल रेटिंग एजेंसी फिच रेटिंग्स ( Fitch Ratings) ने भारत का जीडीपी (India GDP Growth) ग्रोथ अनुमान 10 फीसदी से घटा कर 8.7 फीसदी कर दिया है. रेटिंग एजेंसी ने जून में 2021-22 के दौरान दस फीसदी ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था. एजेंसी का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर से पैदा दिक्कतों की वजह से देश में आर्थिक रिकवरी की रफ्तार धीमी रह सकती है.
रेटिंग एजेंसी ने कहा, आर्थिक रिकवरी में देर हुई लेकिन अब यह पटरी पर
रेटिंग एजेंसी ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान जीडीपी ग्रोथ रेट दस फीसदी रहने का अनुमान लगाया है. एजेंसी का कहना है कि कोरोना की दूसरी लहर से आर्थिक रिकवरी देर से शुरू हुई है लेकिन रिकवरी हो रही है और यह पटरी से नहीं उतरी है. एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए पहले 12.8 फीसदी के ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया था लेकिन जून में इसे घटा कर दस फीसदी कर दिया था. फिच ने अपने सॉवरेन क्रेडिट ओवरव्यू में कहा है कि भारत का 'BBB-Negative' का आउटलुक बताता है कि देश में सार्वजनिक वित्त में लगातार गिरावट से कर्ज के मोर्चे पर अनिश्चिचतता बनी हुई है. ऐसी स्थिति कोविड-19 से पैदा आर्थिक हालातों की वजह से आई है.
'महंगाई में गिरावट आएगी लेकिन आरबीआई फिलहाल अपना रुख नहीं बदलेगा'
रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि देश में रिकवरी की रफ्तार बन रही है और मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कारोबारी गतिविधियां प्री-कोविड लेवल पर लौट आई हैं.फिच रेंटिग्स ने महंगाई में गिरावट आएगी. लेकिन आबीआई कम से कम अगले वित्त वर्ष तक प्रमुख बैंक दरों पर यथास्थिति बनाए रखेगा. फिच रेटिंग्स की ओर से चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी ग्रोथ अनुमान घटाने से एक दिन पहले मूडीज ने देश का सॉवरेन रेटिंग आउटलुक निगेटिव से स्टेबल किया था.