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स्ट्रीट वेंडर्स के लिए 5000 करोड़ की विशेष सुविधा, 50 लाख रेहड़ी/पटरी वालों को होगा फायदा

Coronavirus Labour Relief Fund Details: वित्त मंत्री ने कहा कि इससे करीब 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को फायदा होगा. 

Coronavirus Labour Relief Fund Details: वित्त मंत्री ने कहा कि इससे करीब 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को फायदा होगा. 

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Ashutosh Ojha
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Covid 19 Emergency relief funds for Street Vendors वित्त मंत्री ने कहा कि इससे करीब 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को फायदा होगा.

PM Modi Relief Fund For Roadside Vendors Details: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitaraman) ने गुरुवार को स्ट्रीट वेंडर्स यानी रेहड़ी, पटरी वालों के लिए 5000 करोड़ रुपये की विशेष लोन सुविधा का एलान किया है. वित्त मंत्री ने कहा कि कोविड19 के समय रेहड़ी, पटरी वालों को बहुत सारी तकलीफ झेलनी पड़ी है. सरकार अगले एक महीने में इनके लिए एक स्कीम लॉन्च करेगी, जिसमें स्ट्रीट वेंडर्स को करोबार शुरू करने के लिए तुरंत क्रेडिटी सुविधा मिल सके. वित्त मंत्री ने कहा कि इससे करीब 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को फायदा होगा. पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का एलान किया था. गुरुवार को इसके डिटेल जानकारी की दूसरी किस्त वित्त मंत्री ने जारी की.

डिजिटल पेमेंट पर इनाम देगी सरकार

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स के लिए 5000 करोड़ रुपये की स्पेशल क्रेडिट के तहत 10,000 रुपये तक की वर्किंग कैपिटल सुविधा प्रति व्यक्ति सुविधा मिल सकती है. उन्होंने कहा कि जो भी स्ट्रीट वेंडर्स डिजिटल पेमेंट करेगा, उसे इनाम देकर प्रोत्साहित किया जाएगा. डिजिटल पेमेंट पर एक लाभ यह भी है कि आने वाले समय में उन्हें ​कामकाज बढ़ाने के लिए अतिरिक्त धन उपलब्ध कराया जा सकेगा. इसका फायदा करीब 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को होगा. केंद्र सरकार लिक्विडिटी सुविधा उपलब्ध कराएगी.

आदिवासियों के रोजगार के लिए 6000 करोड़ का प्लान

केंद्र सरकार CAMPA फंड के जरिए जननातियों/आदिवसियों को रोजगार उपलब्ध कराने के मकसद से 6000 करोड़ का प्लान लाएगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कि नागरिकों के लिए रोजगार के अवसर बनाना जरूरत है. इस फंड इस्तेमाल राज्य सरकारों की ओर से शहरी क्षेत्रों में वृक्षारोपण, वनीकरण, फॉरेस्ट मैनेजमेंट, मिट्टी/कन्वर्जन काम, वन संरक्षण आदि कार्यों के लिए किया जाएगा. इससे शहरी, अर्ध शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर पैदा होंगे. इससे जनजातियों/​आदिवसियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे.