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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जुलाई में अब तक भारतीय शेयर बाजारों से 4,515 करोड़ रुपये निकाले हैं.
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने जुलाई में अब तक भारतीय शेयर बाजारों से 4,515 करोड़ रुपये निकाले हैं. इस दौरान भारतीय बाजार की ओर एफपीआई का रुख सतर्कता भरा रहा है. मॉर्निंगस्टोर इंडिया के एसोसिएट निदेशक (प्रबंधक शोध) हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इस समय बाजार अपने सर्वकालिक निचले स्तर पर है. ऐसे में एफपीआई ने मुनाफा काटने का विकल्प चुना है. ऊंचे मूल्यांकन की वजह से भी वे अधिक निवेश नहीं कर रहे हैं. इसके अलावा महामारी की संभावित तीसरी लहर के जोखिमों को लेकर भी वे सतर्क हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स ?
उन्होंने कहा कि डॉलर में लगातार मजबूती और अमेरिका में बॉन्ड पर प्राप्ति बढ़ने की संभावना भारत जैसे उभरते बाजारों में पूंजी प्रवाह की दृष्टि से अच्छी नहीं है, लेकिन इसको लेकर तत्काल चिंता करने की जरूरत नहीं है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने 1 से 16 जुलाई के दौरान शेयरों से 4,515 करोड़ रुपये की निकासी की. इस दौरान उन्होंने ऋण या बॉन्ड बाजार में 3,033 करोड़ रुपये भी डाले. इस दौरान उनकी शुद्ध निकासी 1,482 करोड़ रुपये रही.
Market Outlook: कंपनियों के पहली तिमाही के नतीजों से तय होगी शेयर बाजार की स्थिति
जून में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 13,269 करोड़ रुपये डाले थे. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि 2021 में अभी तक एफपीआई की गतिविधियां काफी उतार-चढ़ाव वाली रही हैं.
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