scorecardresearch

FPI की निकासी लगातार नौवें महीने जारी, जून में शेयरों से 50,203 करोड़ रुपये निकाले

आंकड़ों के अनुसार, FPI ने जून में शेयरों से शुद्ध रूप से 50,203 करोड़ रुपये निकाले. इस महीने मार्च 2020 के बाद सबसे ज्यादा निकासी हुई है.

आंकड़ों के अनुसार, FPI ने जून में शेयरों से शुद्ध रूप से 50,203 करोड़ रुपये निकाले. इस महीने मार्च 2020 के बाद सबसे ज्यादा निकासी हुई है.

author-image
FE Hindi Desk
एडिट
New Update
FPI exodus continues for 9th month

FPI की भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जून में लगातार नौवें महीने जारी रहा.

FPI: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला जून में लगातार नौवें महीने जारी रहा. जून में FPI ने शुद्ध रूप से 50,203 करोड़ रुपये के शेयर बेचे. यह आंकड़ा पिछले दो सालों में सबसे ज्यादा है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक के आक्रामक रुख, हाई इन्फ्लेशन और घरेलू शेयरों के हाई वैल्यूएशन की वजह से FPI लगातार बिकवाल बने हुए हैं.

Banking Fraud: बैंकों में 100 करोड़ से अधिक के फ्रॉड के मामले घटे, FY22 में लगा 41,000 करोड़ रुपये का चूना

आगे कैसा रहेगा निवेशकों का रूझान

Advertisment
  • एनालिस्ट्स का कहना है कि अभी एफपीआई की निकासी जारी रह सकती है. कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्ट (रिटेल) हेड श्रीकांत चौहान ने कहा, ‘‘आगे चलकर हमारा मानना है कि इन्फ्लेशन से FPI का रुख तय होगा. इसके अलावा बॉन्ड और शेयरों पर प्राप्ति का अंतर भी लगातार कम रहा है. इससे भी एफपीआई निकासी कर रहे हैं.’’
  • मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर-मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि, हाई इन्फ्लेशन और शेयरों के हाई वैल्यूएशन की वजह से एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाल बने हुए हैं.’’
  • श्रीवास्तव ने कहा कि भारत को लेकर सेंटीमेंट नेगेटिव बना हुआ है, जिसकी वजह से घरेलू शेयर बाजारों को लेकर एफपीआई का रुख सतर्कता वाला बना हुआ है. जून में अन्य उभरते बाजारों मसलन इंडोनेशिया, फिलिपीन, दक्षिण कोरिया, ताइवान और थाइलैंड में भी एफपीआई बिकवाल बने रहे.

Petrol-Diesel Sales: जून में पेट्रोल की बिक्री 29% बढ़ी, डीजल की खपत में भी 35% का इजाफा

पिछले दो सालों में इस महीने सबसे ज्यादा रही निकासी

आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने जून में शेयरों से शुद्ध रूप से 50,203 करोड़ रुपये निकाले. यह मार्च, 2020 के बाद उनकी निकासी का सबसे ऊंचा आंकड़ा है. उस समय एफपीआई ने भारतीय शेयरों से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, 2022 के पहले 6 माह में एफपीआई भारतीय शेयर बाजारों से 2.2 लाख करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं. इससे पहले 2008 के पूरे साल में एफपीआई ने शेयर बाजारों से 52,987 करोड़ रुपये निकाले थे.

(इनपुट-पीटीआई)

Foreign Portfolio Investments Fpi Fpis