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एक चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट ने कहा कि आगे चलकर भारतीय अर्थव्यवस्था और कंपनियों की आमदनी बढ़ने की संभावनाओं के बीच भारत में एफपीआई यानी फॉरेन इनवेस्टर्स का निवेश प्रवाह जारी रहेगा. (फोटो एक्सप्रेस ड्राइव)
FPIs Bring in Rs 30,945 crore in May on Strong Economic Fundamentals: मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद, ब्याज दरों में कमी की संभावना, कंपनियों के बेहतर तिमाही नतीजों और शेयरों के मूल्यांकन में गिरावट के बीच विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई (FPI) ने मई में अबतक भारतीय शेयर बाजार में 30,945 करोड़ रुपये डाले हैं. इसके साथ एफपीआई का भारतीय शेयर बाजार में शुद्ध प्रवाह इस साल 16,365 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज (Geojit Financial Services) के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि आगे चलकर भारतीय अर्थव्यवस्था और कंपनियों की आमदनी बढ़ने की संभावनाओं के बीच भारत में एफपीआई का निवेश प्रवाह जारी रहेगा.
एक्सपर्ट व्यू
ग्रीन पोर्टफोलिओ PMS के फाउंडर दिवम शर्मा ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई (RBI) द्वारा दरों में वृद्धि को रोकना भारतीय शेयर्स में इनफ्लो के लिए प्राथमिक ट्रिगर था. राइट रिसर्च की फाउंडर सोनम श्रीवास्तव ने अपनी उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी हो सकती है. उन्होंने कहा यह अनुमानित ग्रोथ परसेंटेज ग्लोबल एवरेज से अधिक है. कम महंगाई दर और करेंट एकाउंट सरप्लस मिलकर निवेश के लिए भारत को एक बेहतर जगह बनने की वजह बताई.
विदेशी निवेशकों ने डेट मार्केट में भी डाले 1,057 करोड़
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने दो मई से 19 मई के दौरान भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 30,945 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले अप्रैल में उन्होंने शेयरों में शुद्ध रूप से 11,630 करोड़ रुपये और मार्च में 7,936 करोड़ रुपये डाले थे. मार्च का निवेश मुख्य रूप से अमेरिका स्थित जीक्यूजी पार्टनर्स द्वारा अडाणी समूह की कंपनियों में आया था. इसके अलावा, 2023 के पहले दो माह में एफपीआई ने शेयरों से शुद्ध रूप से 34,000 करोड़ रुपये से अधिक निकाले थे. मई में शेयरों के अलावा एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार यानी डेट मार्केट में भी 1,057 करोड़ रुपये का निवेश किया है.