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अगस्त में विदेशी निवेश घटा, FPI ने अबतक तक खरीदे 10,689 करोड़ के शेयर, क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

इस महीने 26 अगस्त तक विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजारों में 10,689 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इस दौरान FPI ने डेट मार्केट में भी 5,950 करोड़ डाले.

इस महीने 26 अगस्त तक विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजारों में 10,689 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इस दौरान FPI ने डेट मार्केट में भी 5,950 करोड़ डाले.

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FE Hindi Desk
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FPI in August

एक्सपर्ट का मानना है कि वृहद आर्थिक अनिश्चितता और अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने की वजह से इस हफ्ते शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव रह सकता है. (फोटो एक्सप्रेस)

FPIs Invest Rs 10,689 crore in August; Pace of Investment Slows: विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई की भारतीय शेयर बाजारों में निवेश की रफ्तार अगस्त में कुछ सुस्त पड़ी है. इससे पहले, पिछले तीन महीने के दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों में भारी निवेश किए थे. कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और मुद्रास्फीति के जोखिम के बीच इस महीने अबतक विदेशी निवेशकों का शेयर बाजारों में शुद्ध निवेश 10,689 करोड़ रुपये रहा है.

26 अगस्त तक FPI ने खरीदे 10,689 करोड़ के शेयर

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने अबतक यानी 26 अगस्त तक एफपीआई ने शेयरों में 10,689 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पिछले तीन माह में एफपीआई का निवेश लगातार 40,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा था. जुलाई में एफपीआई ने भारतीय शेयरों में 46,618 करोड़ रुपये का निवेश किया था. जून में उनका निवेश 47,148 करोड़ रुपये रहा था. मई में उन्होंने शेयरों में 43,838 करोड़ रुपये डाले थे. इससे पहले अप्रैल में उनका निवेश 11,631 करोड़ रुपये और मई में 7,935 करोड़ रुपये रहा था.

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डेट मार्केट में भी डाले 5,950 करोड़

इस महीने अबतक यानी 26 अगस्त तक शेयर बाजार के अलावा विदेशी निवेशकों ने बॉन्ड बाजार यानी डेट मार्केट में भी 5,950 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इस साल भारतीय शेयरों में एफपीआई का निवेश 1.37 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है. वहीं डेट मार्केट मेंविदेशी निवेशकों का निवेश 26,400 करोड़ रुपये रहा है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

  • कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के रिटेल रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने कहा कि वृहद आर्थिक अनिश्चितता और अमेरिका में बॉन्ड पर प्रतिफल बढ़ने की वजह से इस सप्ताह शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव रह सकता है. इससे विदेशी निवेशक भारत सहित उभरते बाजारों से निकासी कर सकते हैं और अमेरिकी प्रतिभूतियों में निवेश बढ़ा सकते हैं.
  • जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अगस्त में मानसून कमजोर रहने और इसके असमतल वितरण से मुद्रास्फीति ऊंचे स्तर पर रह सकती है. यह स्थिति बाजार की धारणा को प्रभावित करेगी. 
  • मॉर्निंगस्टोर इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इस महीने एफपीआई के निवेश में सुस्ती की मुख्य वजह यह रही कि वे जैक्सन होल में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के कार्यक्रम का इंतजार कर रहे थे, जिससे आगामी मौद्रिक नीति के रुख का संकेत मिलता. फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) की अगली बैठक 19-20 सितंबर को होनी है. 
Fpi