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FPI Update: इस महीने 27 अक्टूबर तक विदेशी निवेशकों ने भारतीय बॉन्ड बाजार में 6,080 करोड़ रुपये से डाले भी हैं. (Express Photo)
FPIs Withdraw Rs 20300 Crore From Equities in October So Far, Invests Rs 6080 Crore in Debt: अमेरिका में बॉन्ड यील्ड बढ़ने और इजराइल-हमास जंग की वजह से पैदा हुई अनिश्चितता के चलते एफपीआई यानी विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 20,300 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है. हालांकि, इस दौरान एफपीआई ने भारतीय बॉन्ड बाजार में 6,080 करोड़ रुपये से डाले भी हैं.
सितंबर में विदेशी निवेशकों ने बेचे थे 14,767 करोड़ के शेयर
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इस महीने 27 अक्टूबर तक एफपीआई ने 20,356 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. अभी अक्टूबर के दो कारोबारी सत्र बचे हैं. इससे पहले सितंबर में भी एफपीआई शुद्ध बिकवाल रहे थे और उन्होंने 14,767 करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे. एफपीआई मार्च से अगस्त तक इससे पिछले छह माह के दौरान लगातार लिवाल रहे थे. इस दौरान उन्होंने शेयर बाजारों में 1.74 लाख करोड़ रुपये डाले थे. इसके साथ ही इस साल अबतक शेयरों में एफपीआई का कुल निवेश एक लाख करोड़ रुपये रहा है. बॉन्ड बाजार में उनका निवेश 35,200 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. विश्लेषकों ने कहा कि एफपीआई मुख्य रूप से वित्तीय और सूचना प्रौद्योगिकी शेयरों में बिकवाली कर रहे हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
- क्रेविंग अल्फा के स्मॉलकेस प्रबंधक और प्रमुख भागीदार मयंक मेहरा ने कहा, ‘‘आगे चलकर एफपीआई के निवेश का प्रवाह फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजों तथा वैश्विक आर्थिक घटनाक्रमों पर निर्भर करेगा.’’ उन्होंने कहा कि लघु अवधि में वैश्विक अनिश्चितता और अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी के चलते एफपीआई सतर्क रुख अपनाएंगे. हालांकि, भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि शेयरों और बॉन्ड में विदेशी निवेशकों का आकर्षण बनाए रखेगी.
- मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक एवं प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘अमेरिका में बॉन्ड प्रतिफल में भारी बढ़ोतरी इस हफ्ते एफपीआई की निकासी की प्रमुख वजह रही है.’’ उन्होंने कहा कि सोमवार को 16 साल में पहली बार 10 साल के बॉन्ड यील्ड पांच फीसदी के मनोवैज्ञानिक स्तर को पार कर गया है. श्रीवास्तव ने कहा कि इस वजह से एफपीआई भारत जैसे उभरते बाजारों से अपना ध्यान हटाकर अधिक सुरक्षित विकल्प अमेरिकी प्रतिभूतियों में निवेश कर रहे हैं.
- जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि इजराइल-हमास संघर्ष की वजह से भी बाजार में नकारात्मक धारणा बनी है.