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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली का सिलसिला मई में भी जारी है.
FPI: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भारतीय शेयर बाजारों में बिकवाली का सिलसिला मई में भी जारी है. मई में FPI ने भारतीय शेयर बाजारों से 39,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है. डॉलर की मजबूती और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के बीच एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं. एफपीआई 2022 में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 1.66 लाख करोड़ रुपये निकाल चुके हैं.
आगे कैसा रहेगा निवेशकों का रूझान
- कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड (रिटेल) श्रीकांत चौहान ने कहा कि आगे चलकर भारतीय भारतीय बाजारों में एफपीआई का रुख उतार-चढ़ाव वाला रहेगा. कच्चे तेल की ऊंची कीमतों, हाई इन्फ्लेशन और सख्त मौद्रिक रुख के बीच अभी एफपीआई की बिकवाली जारी रह सकती है.
- जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘हाल के समय में जहां एफपीआई बिकवाली कर रहे हैं, वहीं उनके इस रुख का मुकाबला करने के लिए डोमेस्टिक इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (DII) और रिटेल निवेशक लिवाली कर रहे हैं.’’
- मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट मैनेजिंग-डायरेक्टर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि निवेशक इस वजह से भी सतर्कता बरत रहे हैं, क्योंकि उनको आशंका है कि हाई इन्फ्लेशन की वजह से कंपनियों का मुनाफा प्रभावित होगा और इससे उपभोक्ता खर्च में कमी आएगी. उन्होंने कहा कि इन कारकों के अलावा रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से भी वैश्विक आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो सकती है.
एफपीआई जमकर कर रहे हैं बिकवाली
विदेशी निवेशक अप्रैल तक लगातार सात माह के दौरान बिकवाल रहे हैं. हालांकि, एफपीआई ने अप्रैल के पहले सप्ताह में भारतीय बाजारों में शुद्ध रूप से 7,707 करोड़ रुपये का निवेश किया था. उसके बाद से उनकी बिकवाली फिर जारी है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, दो से 27 मई के दौरान एफपीआई ने शुद्ध रूप से 39,137 करोड़ रुपये के शेयर बेचे हैं. हालांकि, चालू महीने के अभी दो कारोबारी सत्र बाकी हैं. इस महीने एफपीआई ने शेयरों के अलावा ऋण या बांड बाजार से भी 6,000 करोड़ रुपये निकाले हैं. भारत के अलावा अन्य उभरते बाजारों मसलन ताइवान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और फिलिपीन से भी इस महीने एफपीआई ने निकासी की है.
(इनपुट-पीटीआई)