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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला लगातार छठे महीने जारी है.
FPI: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की भारतीय बाजारों से निकासी का सिलसिला लगातार छठे महीने जारी है. मार्च में अब तक एफपीआई ने भारतीय बाजारों से शुद्ध रूप से 45,608 करोड़ रुपये निकाले हैं. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि एफपीआई मान रहे हैं कि कमोडिटी प्राइस हाइक से भारत अधिक प्रभावित होगा. इसकी वजह यह है कि भारत कच्चे तेल का प्रमुख आयातक है.
लगातार छठे महीने निकासी जारी
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने दो से 11 मार्च के दौरान शेयरों से 41,168 करोड़ रुपये निकाले हैं. इसके अलावा उन्होंने डेट सेगमेंट से 4,431 करोड़ रुपये व हाइब्रिड इंस्ट्रूमेंट से नौ करोड़ रुपये की निकासी की है. इस तरह उनकी शुद्ध निकासी 45,608 करोड़ रुपये रही है. यह लगातार छठा महीना है जबकि एफपीआई भारतीय बाजारों में बिकवाल बने हुए हैं.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
- विजयकुमार ने कहा कि मुख्य रूप से एफपीआई फाइनेंशियल और आईटी कंपनियों के शेयर बेच रहे हैं. इसकी वजह है कि एफपीआई के पोर्टफोलियो में सबसे अधिक इन्हीं शेयरों की हिस्सेदारी है.
- वॉटरफील्ड एडवाइजर्स के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर (लिस्टेड इन्वेस्टमेंट) निमिष शाह ने कहा कि अगस्त-सितंबर, 2021 से डॉलर मजबूत हो रहा है. अमेरिका में ब्याज दरें भी अब बढ़ रही हैं. उन्होंने कहा कि जियो-पॉलिटिकल टेंशन की वजह से भी उनकी निकासी बढ़ी है.
- कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च (रिटेल) हेड श्रीकांत चौहान ने कहा कि मार्च में अबतक थाइलैंड को छोड़कर अन्य सभी उभरते बाजारों से निकासी हुई है. ताइवान, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया और फिलिपीन से इस महीने अबतक क्रमश: 708.9 करोड़ डॉलर, 266.5 करोड़ डॉलर, 42.6 करोड़ डॉलर और 2.6 करोड़ डॉलर की निकासी हुई है. वहीं इस दौरान थाइलैंड के बाजारों में एफपीआई ने 10.2 करोड़ डॉलर डाले हैं.
(इनपुट-पीटीआई)