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FPI in April: भारतीय शेयर बाजार की वैल्यू मौजूदा समय में उचित स्तर पर है. इसी वजह से विदेशी निवेशक /यानी FPI भारतीय शेयर्स में पैसा लगा रहे हैं.
FPIs Begin FY24 on a Positive Note; Invest Rs 8,767 cr in Indian Equities in April: फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) ने चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में अब तक भारतीय शेयर बाजारों में 8,767 करोड़ रुपये का निवेश किया है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में एफपीआई नेट बेसिस पर बिकवाल रहे थे. कोटक सिक्योरिटीज लिमिटेड के रिटेल इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने कहा कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेडरल रिजर्व (US Federal Reserve) की सख्त मॉनेटरी पॉलिसी (monetary policy ) को देखते हुए आगे चलकर FPI प्रवाह में उतार-चढ़ाव जारी रहने के आसार हैं.
फेडरल रिजर्व की बैठक के ब्योरे से संकेत मिलता है कि अमेरिकी वित्तीय प्रणाली की स्थिरता में भरोसा करते हुए अपकमिंग मॉनेटरी रिव्यू मीटिंग में ब्याज दर में 25 बेसिस प्वाइंट्स यानी 0.25 फीसदी की वृद्धि की जा सकती है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक FPI ने तीन से 13 अप्रैल के दौरान भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 8,767 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले मार्च में एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 7,936 करोड़ रुपये डाले थे. इस राशि में ज्यादातर हिस्सा अडाणी समूह (Adani Group) की कंपनियों में अमेरिका के जीक्यूजी पार्टनर्स (GQG Partners) से आया था.
एक्सप्रर्ट की राय
अगर अडाणी समूह की कंपनियों में आए निवेश को निकाल दिया जाए, तो पिछले महीने में शुद्ध प्रवाह नकारात्मक बैठेगा. जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि अप्रैल में अभी तक उभरते बाजारों में FPI के लिए भारत सबसे आकर्षक गंतव्य रहा है. मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिका और यूरोप में बैंकिंग संकट को लेकर चिंता कम होने के बीच वैश्विक परिदृश्य स्थिर हुआ है. इस वजह से भारत में FPI का प्रवाह बढ़ा है.
इस वजह से विदेशी निवेशक भारतीय शेयर्स पर लगा रहे हैं पैसा
मॉर्निंगस्टार इंडिया के हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसके अलावा भारत में शेयरों का मूल्य अब उचित स्तर पर आ गया है, जिसकी वजह से FPI यहां पैसा लगा रहे हैं. इससे पहले वित्त वर्ष 2022-23 में FPI ने भारतीय शेयर बाजारों से 37,631 करोड़ रुपये निकाले थे. वैश्विक स्तर पर केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक तरीके से दरें बढ़ाने के बीच FPI बिकवाल रहे थे. वित्त वर्ष 2021-22 में FPI ने भारतीय बाजार से 1.4 लाख करोड़ रुपये की रिकॉर्ड निकासी की थी. वहीं वित्त वर्ष 2020-21 में FPI ने शेयरों में 2.7 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2019-20 में 6,152 करोड़ रुपये डाले थे. अप्रैल में अब तक FPI ने ऋण या बॉन्ड बाजार से 1,085 करोड़ रुपये निकाले हैं.