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विदेशी निवेशकों की भारतीय इक्विटी बाजारों से निकासी जारी है.
FPI: विदेशी निवेशकों की भारतीय इक्विटी बाजारों से निकासी जारी है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा मौद्रिक नीति को कड़ा करने के बाद एफपीआई ने इस महीने अब तक लगभग 46,000 करोड़ रुपये निकाले हैं. फेडरल रिजर्व की नीतियों, कच्चे तेल की कीमतों और रुपये के उतार-चढ़ाव ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के रुख को प्रभावित किया है. आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने 2022 में अब तक 2.13 लाख करोड़ रुपये की निकासी की है.
क्या है एक्सपर्ट्स की राय
यस सिक्योरिटीज में इंस्टीट्यूशनल इक्विटी के लीड एनालिस्ट हितेश जैन ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व और दूसरे प्रमुख केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक सख्ती, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और अस्थिर रुपये के बीच अनुमान है कि एफपीआई उभरते बाजारों से दूर रहेंगे. उन्होंने कहा कि एफपीआई की आवक तभी दोबारा शुरू होगी, जब अमेरिका में फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में बढ़ोतरी रुक जाएगी.
अक्टूबर 2021 से लगातार हो रही निकासी
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा कि इसके अलावा अगर डॉलर और बॉन्ड यील्ड का मौजूदा रुझान बना रहता है, तो एफपीआई द्वारा और अधिक बिकवाली करने की संभावना है. आंकड़ों के मुताबिक विदेशी निवेशकों ने जून में (24 तारीख तक) इक्विटी से 45,841 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की. विदेशी निवेशक अक्टूबर 2021 से भारतीय इक्विटी से लगातार धन निकाल रहे हैं. इस तरह की निकासी आखिरी बार 2020 की पहली तिमाही में देखी गई थी, जब महामारी तेजी से बढ़ रही थी.
(इनपुट-पीटीआई)