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FPI: भारतीय शेयर बाजार पर विदेशी निवेशकों का भरोसा लौटा, नवंबर में डाले 31,630 करोड़

अग्रेसिव रेट हाइक साइकल समाप्त होने की संभावना, इन्फ्लेशन में नरमी, अमेरिका के उम्मीद से बेहतर मैक्रो इकोनॉमिक डाटा और भारतीय अर्थव्यवस्था की जुझारू क्षमता की वजह से FPI भारतीय शेयरों में पैसा लगा रहे हैं.

अग्रेसिव रेट हाइक साइकल समाप्त होने की संभावना, इन्फ्लेशन में नरमी, अमेरिका के उम्मीद से बेहतर मैक्रो इकोनॉमिक डाटा और भारतीय अर्थव्यवस्था की जुझारू क्षमता की वजह से FPI भारतीय शेयरों में पैसा लगा रहे हैं.

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FE Hindi Desk
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FPI investment in november

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) एक बार फिर भारतीय शेयर बाजारों में लौटने लगे हैं.

FPI Investment: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPI) एक बार फिर भारतीय शेयर बाजारों में लौटने लगे हैं. नवंबर में अबतक उन्होंने शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 31,630 करोड़ रुपये डाले हैं. विश्लेषकों का कहना है कि अगस्त और सितंबर में शुद्ध बिकवाल रहने के बाद अब आगे चलकर एफपीआई द्वारा बड़ी बिकवाली की संभावना नहीं है. अग्रेसिव रेट हाइक साइकल समाप्त होने की संभावना, इन्फ्लेशन में नरमी, अमेरिका के उम्मीद से बेहतर मैक्रो इकोनॉमिक डाटा और भारतीय अर्थव्यवस्था की जुझारू क्षमता की वजह से एफपीआई भारतीय शेयरों में पैसा लगा रहे हैं. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एक से 25 नवंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 31,630 करोड़ रुपये का निवेश किया है.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

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  • कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि जियो-पॉलिटिकल टेंशन की वजह से निकट भविष्य में एफपीआई का रुख उतार-चढ़ाव वाला रहेगा. इस साल अभी तक एफपीआई ने शेयरों से 1.37 लाख करोड़ रुपये निकाले हैं.
  • मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि नवंबर में एफपीआई का प्रवाह बढ़ने की वजह शेयर बाजारों में तेजी, भारतीय अर्थव्यवस्था और रुपये की स्थिरता है.
  • इस अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार से 2,300 करोड़ रुपये की निकासी की है. भारत के अलावा इस महीने फिलिपीन, दक्षिण कोरिया, ताइवान और थाइलैंड के बाजारों में भी एफपीआई का प्रवाह सकारात्मक रहा है.

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अक्टूबर-सितंबर में हुई थी निकासी

एक से 25 नवंबर के दौरान एफपीआई ने शेयरों में शुद्ध रूप से 31,630 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले अक्टूबर में उन्होंने आठ करोड़ रुपये और सितंबर में 7,624 करोड़ रुपये की निकासी की थी. अगस्त में एफपीआई 51,200 करोड़ रुपये के शुद्ध लिवाल रहे थे. वहीं जुलाई में उन्होंने 5,000 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. इससे पहले अक्टूबर, 2021 से एफपीआई लगातार नौ माह तक बिकवाल रहे थे.

(इनपुट-पीटीआई)

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