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FPI: फरवरी में अब तक विदेशी निवेशकों ने डेट मार्केट में डाले 15,000 करोड़, भारतीय शेयरों से 3,000 करोड़ निकाले

FPI ने फरवरी में अबतक देश के डेट मार्केट यानी बॉन्ड बाजार में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले जनवरी में बॉन्ड बाजार में 19,836 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था.

FPI ने फरवरी में अबतक देश के डेट मार्केट यानी बॉन्ड बाजार में 15,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इससे पहले जनवरी में बॉन्ड बाजार में 19,836 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था.

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Mithilesh Kumar
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विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयरों से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की

जनवरी के बाद फरवरी में भी विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई (FPI) का डेट मार्केट (बांड बाजार) के प्रति आकर्षण बरकरार है. फरवरी में अब तक विदेशी निवेशकों ने डेट मार्केट में 15,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है. जानकारों का मानना है कि भारत सरकार के बॉन्ड को जेपी मॉर्गन इंडेक्स में शामिल किए जाने के बाद एफपीआई का भारतीय बॉन्ड बाजार के प्रति आकर्षण बढ़ा है. इससे पहले जनवरी में विदेशी निवेशकों ने शुद्ध रूप से 19,836 करोड़ रुपये का निवेश किया था जो एफपीआई के प्रवाह का छह साल में सबसे अधिक मंथली निवेश रहा. जून 2017 में एफपीआई ने डेट मार्केट में 25,685 करोड़ रुपये का निवेश किया था.

फरवरी में अबतक FPI ने बेचे 3,000 करोड़ के शेयर

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने शेयरों से 3,000 करोड़ रुपये से अधिक निकाले हैं. इससे पहले जनवरी में उन्होंने शेयरों से 25,743 करोड़ रुपये की भारी निकासी की थी.

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आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने इस महीने (नौ फरवरी तक) बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 15,093 करोड़ रुपये का निवेश किया है. इसके साथ ही 2024 में एफपीआई का कुल निवेश 34,930 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. विदेशी निवेशक पिछले कुछ माह से बॉन्ड बाजार में लगातार पैसा लगा रहे हैं. दिसंबर, 2023 में उन्होंने बॉन्ड बाजार में 18,302 करोड़ रुपये, नवंबर में 14,860 करोड़ रुपये और अक्टूबर में 6,381 करोड़ रुपये का निवेश किया था.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘शेयर और बॉन्ड में इस भिन्न प्रवृत्ति का मुख्य कारण भारतीय शेयर बाजार का ऊंचा मूल्यांकन मूल्यांकन और अमेरिका में बॉन्ड पर बढ़ता प्रतिफल है.’’

मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक - प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि शेयरों से निकासी की मुख्य वजह घरेलू के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में ब्याज दर परिदृश्य को लेकर अनिश्चितता है.

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