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FPI Outflow: विदेशी निवेशकों ने सितंबर में अबतक शेयर्स से 10,000 करोड़ से ज्यादा निकाले, एक्सपर्ट की राय

FPIs Outflow: अमेरिका में ऊंची ब्याज दर, मंदी की आशंका और घरेलू शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से एफपीआई ने सितंबर में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा निकाले.

FPIs Outflow: अमेरिका में ऊंची ब्याज दर, मंदी की आशंका और घरेलू शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से एफपीआई ने सितंबर में अबतक भारतीय शेयर बाजारों से 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा निकाले.

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FE Hindi Desk
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FPI: इससे पहले एफपीआई मार्च से अगस्त तक लगातार छह माह भारतीय शेयरों में शुद्ध लिवाल रहे थे. इस दौरान उन्होंने 1.74 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. (Express Photo)

FPIs Outflow in Equities crosses Rs 10000 crore mark in September on rising US Interest Rates: अमेरिका में ऊंची ब्याज दर, मंदी की आशंका और घरेलू शेयरों के ऊंचे मूल्यांकन की वजह से विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई ने सितंबर के पहले तीन सप्ताह में (1 सितंबर से 22 सितंबर के बीच) भारतीय शेयर बाजारों से 10,000 करोड़ रुपये से ज्यादा निकाले हैं. इससे पहले एफपीआई मार्च से अगस्त तक लगातार छह माह भारतीय शेयरों में शुद्ध लिवाल रहे थे. इस दौरान उन्होंने 1.74 लाख करोड़ रुपये के शेयर खरीदे थे. 

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक इस महीने अबतक 15 कारोबारी दिवस में से 11 में शुद्ध बिकवाल रहे हैं और उन्होंने शेयरों से शुद्ध रूप से 10,164 करोड़ रुपये निकाले हैं. इससे पहले अगस्त में शेयरों में एफपीआई का प्रवाह चार माह के निचले स्तर 12,262 करोड़ रुपये पर आ गया था. 

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजयकुमार ने कहा, ‘‘चूंकि मूल्यांकन अब भी ऊंचा है और अमेरिका में बॉन्ड यील्ड (10 साल के लिए 4.49 फीसदी) आकर्षक बना हुआ है, ऐसे में विदेशी निवेशक यानी एफपीआई बिकवाल बने हुए हैं.’’ 

मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक - प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘पिछले कुछ सप्ताह से एफपीआई के निवेश का प्रवाह सुस्त है. उनकी इस हिचकिचाहट के पीछे मुख्य वजह महंगाई दर को लेकर चिंता और विशेषरूप से अमेरिका में ब्याज दर परिदृश्य और वैश्विक आर्थिक वृद्धि को लेकर अनिश्चितता है.’’ 

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FPI ने सितंबर में अबतक डेट मार्केट में डाले 295 करोड़

आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने डेट मार्केट या बॉन्ड बाजार में 295 करोड़ रुपये डाले हैं. इस तरह चालू कैलेंडर साल में अबतक शेयरों में एफपीआई का निवेश 1.25 लाख करोड़ रुपये रहा है. वहीं बॉन्ड बाजार में उन्होंने 28,476 करोड़ रुपये से ज्यादा डाले हैं.

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