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FPI: तीन महीने की बिकवाली के बाद विदेशी निवेशकों ने जताया भरोसा, जनवरी में अब तक 3,202 करोड़ रुपये का निवेश

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने 3-7 जनवरी के दौरान भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 3,202 करोड़ रुपये का निवेश किया है.

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने 3-7 जनवरी के दौरान भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 3,202 करोड़ रुपये का निवेश किया है.

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PTI
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FPIs turn net buyers of equities in Jan so far; invest Rs 3,202 cr

लगातार तीन महीने की बिकवाली के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय बाजार पर भरोसा जताया है.

FPI: लगातार तीन महीने की बिकवाली के बाद विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) ने भारतीय बाजार पर भरोसा जताया है. जनवरी के पहले सप्ताह में FPI ने शेयर बाजारों में 3,202 करोड़ रुपये का निवेश किया है. बाजार में आए ‘करेक्शन’ की वजह से एफपीआई के निवेश में सुधार हुआ है. डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई ने 3-7 जनवरी के दौरान भारतीय शेयर बाजारों में शुद्ध रूप से 3,202 करोड़ रुपये का निवेश किया है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि आगे चलकर अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना, ओमिक्रॉन को लेकर बढ़ती चिंता और मुद्रास्फीति के ऊंचे स्तर की वजह से भारतीय बाजारों को लेकर एफपीआई का निवेश उतार-चढ़ाव वाला रहेगा.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

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  • एफपीआई का ताजा निवेश अक्टूबर-दिसंबर, 2021 के दौरान भारतीय बाजारों से उनकी 38,521 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी के बाद आया है. इससे पहले पिछले साल सितंबर में एफपीआई ने भारतीय बाजारों में 13,154 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था.
  • मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर- रिसर्च मैनेजर हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘एफपीआई द्वारा रुक-रुक कर की जा रही खरीदारी की वजह बाजार में अंतरिम ‘करेक्शन’ है. इसकी वजह से उनको खरीदारी का अच्छा अवसर मिला है.’’
  • उन्होंने कहा कि भारत सहित दुनियाभर में कोरोनो वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के बीच एफपीआई अपने निवेश में सतर्कता बरतेंगे.
  • जनवरी के पहले सप्ताह में एफपीआई ने भारतीय ऋण या बांड बाजार में 183 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया है. बीते साल उन्होंने 1.04 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की थी.
  • जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वी के विजय कुमार ने कहा कि एफपीआई की मुख्य चिंता अमेरिका में मौद्रिक रुख को सख्त किए जाने को लेकर है. अमेरिका में बांड पर प्रतिफल बढ़ने की वजह से वे उभरते बाजारों में बिकवाली कर सकते हैं.
Fpi Foreign Portfolio Investments