scorecardresearch

FPI ने पिछले सप्ताह शेयर बाजारों से निकाले 4,500 करोड़, एक्सपर्ट्स से जानिए क्यों घट रहा निवेशकों का भरोसा

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने 11-13 अप्रैल को कम छुट्टियों वाले कारोबारी सप्ताह के दौरान भारतीय शेयर बाजारों से 4,518 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है.

डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने 11-13 अप्रैल को कम छुट्टियों वाले कारोबारी सप्ताह के दौरान भारतीय शेयर बाजारों से 4,518 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है.

author-image
FE Online
एडिट
New Update
FPIs turn net sellers again

अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भरोसा घट रहा है.

FPI: अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आशंका के बीच विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) का भरोसा घट रहा है. पिछले सप्ताह विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजारों से 4,500 करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है. इससे पहले एक से आठ अप्रैल के दौरान एफपीआई ने भारतीय बाजार में 7,707 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश किया था. उस समय बाजार में ‘करेक्शन’ के चलते एफपीआई को खरीदारी का अच्छा मौका मिला था. इससे पहले मार्च, 2022 तक छह माह के दौरान एफपीआई शुद्ध बिकवाल बने रहे और उन्होंने शेयरों से 1.48 लाख करोड़ रुपये की भारी राशि निकाली. इसकी मुख्य वजह अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में वृद्धि की संभावना और यूक्रेन पर रूस का सैन्य हमला था.

Mcap of Top 10 Firms: टॉप 10 में से 7 कंपनियों का मार्केट कैप 1.32 लाख करोड़ रुपये घटा, जानिए किसे कितना हुआ नुकसान

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

Advertisment
  • सेबी-रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइजर राइट रिसर्च की फाउंडर सोनम श्रीवास्तव ने कहा, ’’हम उम्मीद कर रहे हैं कि यूक्रेन संकट कम होने के बाद एफपीआई बड़े स्तर पर भारत वापस आएंगे, क्योंकि हमारा वैल्यूएशन बहुत कंपटीटिव हो गया है.’’ डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक, FPI ने 11-13 अप्रैल को कम छुट्टियों वाले कारोबारी सप्ताह के दौरान भारतीय शेयर बाजारों से 4,518 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है.
  • मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर- मैनेजर रिसर्च हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक के आक्रामक तरीके से ब्याज दरें बढ़ाने की संभावना की वजह से एफपीआई ने भारत जैसे उभरते बाजारों में अपने निवेश के प्रति सतर्क रुख अपनाया. पिछले सप्ताह एफपीआई ने डेट या बांड बाजार से 415 करोड़ रुपये निकाले. इससे पिछले सप्ताह उन्होंने बांड बाजार में शुद्ध रूप से 1,403 करोड़ रुपये डाले थे.
  • श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘एफपीआई की बिकवाली वैश्विक बाजारों में आई गिरावट के रुख के अनुरूप है. वैश्विक बाजार फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि की आशंका की वजह से नीचे आए. इसके अलावा पिछले सप्ताह आए भारत के मुद्रास्फीति के आंकड़े भी उम्मीद से ऊंचे रहे हैं. इस वजह से भी धारणा प्रभावित हुई.’’

(इनपुट-पीटीआई)

Stock Market Foreign Portfolio Investments Fpi Fpis