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FPI: इस तरह 2024 में शेयरों में उनका कुल निवेश घटकर 6,593 करोड़ रुपये रह गया है. (Image: FE File)
FPIs withdraw record Rs 94,000 cr from Indian equities in Oct on attractive Chinese valuations: विदेशी निवेशकों यानी एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयरों से 94,000 करोड़ रुपये (करीब 11.2 अरब अमेरिकी डॉलर) निकाले. इस तरह एफपीआई की निकासी के मामले में पिछला महीना सबसे खराब रहा. घरेलू बाजारों में हाई वैल्यूएशन और चीन के शेयरों के खास वैल्यूएशन की वजह से एफपीआई भारतीय बाजार में बिकवाल बने हुए हैं. इससे पहले विदेशी निवेशकों ने मार्च, 2020 में शेयरों से 61,973 करोड़ रुपये निकाले थे.
FPI का इस साल कुल निवेश घटकर 6,593 करोड़ हुआ
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने अक्टूबर में 94,017 करोड़ रुपये की शुद्ध निकासी की है. पूरे महीने में सिर्फ एक दिन एफपीआई लिवाल रहे हैं. इस तरह 2024 में शेयरों में उनका कुल निवेश घटकर 6,593 करोड़ रुपये रह गया है. एफपीआई की बिकवाली की वजह से प्रमुख सूचकांक अपने टॉप लेवल से करीब 8 फीसदी नीचे आ गए हैं. आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने समीक्षाधीन अवधि के दौरान बॉन्ड से सामान्य सीमा के माध्यम से 4,406 करोड़ रुपये निकाले हैं और स्वैच्छिक प्रतिधारण मार्ग (वीआरआर) से 100 करोड़ रुपये का निवेश किया है.
विदेशी निवेशकों ने इस हालिया निकासी से पहले इस साल सितंबर में शेयरों में 57,724 करोड़ रुपये डाले थे. यह उनके निवेश का नौ महीने का हाईएस्ट लेवल था. अप्रैल-मई 2024 में 34,252 करोड़ रुपये निकालने के बाद जून से एफपीआई लगातार लिवाल रहे थे.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक, प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि भविष्य में जिओ-पॉलिटिकल घटनाक्रम, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव, चीनी अर्थव्यवस्था में प्रगति और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे जैसे वैश्विक घटनाक्रम भारतीय शेयरों में विदेशी निवेश को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर महंगाई दर का रुख, कंपनियों के दूसरी तिमाही के नतीजे और त्योहारी मांग के आंकड़ों पर एफपीआई की निगाह रहेगी.