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Franklin Templeton India: फ्रैंकलिटन टेंपलटन की दूसरी स्कीमों पर फौरन असर नहीं, लेकिन सेबी की जांच पर रहेगी नजर

विश्लेषकों के मुताबिक फ्रैंकलिन टेंपलटन की पैरेंट कंपनी काफी मजबूत है. उसके पास भारत में कारोबार का दो दशक का अनुभव है और फंड की स्थिति भी अच्छी है, इसलिए सेबी की कार्रवाई के बावजूद उसकी दूसरी योजनाओं पर असर नहीं पड़ेगा.

विश्लेषकों के मुताबिक फ्रैंकलिन टेंपलटन की पैरेंट कंपनी काफी मजबूत है. उसके पास भारत में कारोबार का दो दशक का अनुभव है और फंड की स्थिति भी अच्छी है, इसलिए सेबी की कार्रवाई के बावजूद उसकी दूसरी योजनाओं पर असर नहीं पड़ेगा.

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Franklin Templeton India: फ्रैंकलिटन टेंपलटन की दूसरी स्कीमों पर फौरन असर नहीं, लेकिन सेबी की जांच पर रहेगी नजर

फ्रैंलकिन टेम्पलटन को सेबी ने दो साल तक कोई भी डेट स्कीम लॉन्च करने से रोक दिया है.

Franklin Templeton India: What Lies Ahead : सेबी ने पिछले सप्ताह फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड हाउस को अपनी छह डेट स्कीमों के निवेशकों को 512 करोड़ रुपये मैनेजमेंट और एडवाइजरी फीस लौटाने का आदेश दिया था. साथ ही इस पर पांच करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था. लेकिन सेबी के इस कदम का फौरी असर इसकी दूसरी स्कीमों पर नहीं भी पड़ सकता है. हालांकि फंड हाउस के कर्मचारियों के खिलाफ जांच पर लोगों की नजर बनी हुई है.

च्वायस ब्रोकिंग के प्रेसिडेंट अजय केजरीवाल ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन से कहा कि सेबी फ्रैंकलिन टेंपलटेन के कुछ कर्मचारियों की जांच कर रहा है. अगर सेबी को उनकी कोई गड़बड़ी मिली तो बड़ा असर हो सकता है.सेबी ने फिलहाल फ्रैंकलिन टेंपलटन एएमसी को दो वर्षो तक कोई भी डेट स्कीम लांच करने से रोक दिया है. कंपनी पर पिछले वर्ष अपनी छह डेट स्कीमों को बंद कर देने के मामले में पांच करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

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दिवालिया होने के आसार नहीं

कैपिटल माइंड के फाउंडर दीपक शेनॉय का कहना है कि अभी तक इस मामले में फ्रैंकलिटन टेंपलटन के रुख का पता नहीं चला है. फंड हाउस के पास पैसा है इसलिए यह दिवालिया नहीं होगा. सवाल यह है कि फंड हाउस निवेशकों को पैसा देगा या नहीं . असली सवाल यही है. विश्लेषकों का कहना है कि फ्रैंकलिन टैंपलटन की पैरेंट कंपनी काफी मजबूत है और इसका भारत में पिछले दो दशक के कारोबार का अनुभव है. इसके पास खासा फंड है इसलिए सेबी की कार्रवाई के के बावजूद इसका मौजूदा भारतीय ऑपरेशन प्रभावित नहीं होगा. फ्रैंकलिन टेंपलटन ने 1996 में भारत में कारोबार की शुरुआतकी थी . इसका मौजूदा एयूएम 80 हजार करोड़ रुपये है. फिलहाल इसके पास 73 फंड हैं.

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सेबी ने उठाए हैं कड़े कदम

सेबी ने अपने आदेश में फ्रैंकलिन टेंपलटन के एशिया-प्रशांत क्षेत्र के पूर्व प्रमुख विवेक कडवा और उनकी पत्नी रूपा कडवा को सिक्योरिटीज बाजार में खरीद-फरोख्त से एक वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया है. सेबी ने इस दंपती पर कुल सात करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है. दोनों पर आरोप है कि उनके पास कुछ बेहद संवेदनशील जानकारियां थीं, जिनके सार्वजनिक होने से पहले उन्होंने फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड के 30.70 करोड़ रुपये मूल्य के यूनिट्स भुना लिए.

(स्टोरी में जाहिर की गई राय रिसर्च एनालिस्ट्स और ब्रोकरेज फर्म द्वारा दी गई जानकारियों पर आधारित है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन किसी भी निवेश सलाह को लेकर कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है. अपने निवेश के बारे में कोई भी फैसला करने से पहले अपने सलाहकार से जरूर संपर्क कर लें.)

(स्टोरी : क्षितिज भार्गव)

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