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Future-Reliance Deal: दिल्ली हाईकोर्ट से फ्यूचर ग्रुप को बड़ा झटका, रिलायंस रिटेल के साथ डील में आगे बढ़ने पर रोक

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को सिंगापुर के इमरजेंसी आर्बिट्रेटर के फैसले को सही ठहराया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को सिंगापुर के इमरजेंसी आर्बिट्रेटर के फैसले को सही ठहराया है.

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PTI
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A bench of Justices Vipin Sanghi and Rekha Palli said the Centre and the Delhi government in their affidavits shall also give details as to how many hospital beds are with or without ventilators and oxygen support.

Delhi High Court

दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को सिंगापुर के इमरजेंसी आर्बिट्रेटर के फैसले को सही ठहराया है, जिसमें फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) पर अपने कारोबार को बेचने के लिए रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये की डील के साथ आगे बढ़ने को लेकर रोक लगाई गई थी. डील पर अमेरिका में आधारित ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेजन ने आपत्ति जताई थी. जस्टिस जे आर मीधा ने किशोर बियानी की अगुवाई वाली FRL को डील पर आगे कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया और माना कि समूह ने जानबूझकर सिंगापुर आर्बिट्रेटर के फैसले का उल्लंघन किया है.

20 लाख करोड़ रु जमा करने का भी आदेश

हाईकोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप और उसके निदेशकों को प्रधानमंत्री राहत कोष में 20 लाख करोड़ रुपये की कीमत को जमा करने का निर्देश दिया, जिसका इस्तेमाल गरीबी रेखा से नीचे की कैटेगरी (बीपीएल) के वरिष्ठ नागरिकों को कोविड-19 वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा. कोर्ट ने बिटानी और अन्य को 28 अप्रैल या उससे पहले मौजूद होने और प्रॉपर्टीज के अटैचमेंट का भी आदेश दिया है. उच्च अदालत ने उनसे पूछा कि इमरजेंसी आर्बिट्रेटर के फैसले का उल्लंघन करने के लिए उन्हें तीन महीने के लिए सिविल जेल के अंदर बंद क्यों नहीं रखा जाए.

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हाई कोर्ट का आदेश अमेजन की याचिका पर आया है, जिसमें सिंगापुर के EA के 25 अक्टूबर 2020 को दिए अवॉर्ड को लागू करने का आदेश देने के लिए कहा गया था, जिसमें FRL को रिलायंस रिटेल के साथ 24,713 करोड़ रुपये की डील को लेकर आगे बढ़ने की बात थी.

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अमेजन ने अपनी अंतरिम याचिका में FRL को उन इकाइयों के साथ ट्रांजैक्शन पूरा करने के लिए कोई कदम उठाने से रोका गया था, जो मुकेश अंबानी धीरूभाई अंबानी (MDA) ग्रुप का हिस्सा हैं. फ्यूचर ग्रुप और अमेजन के बीच जंग जारी है. यह उस समय शुरू हुई, जब अमेरिका में आधारित कंपनी ने FRL को उनके बीच कॉन्ट्रैक्ट के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए उन्हें इमरजेंसी आर्बिट्रेशन ले गई.

Delhi High Court Future Group Reliance Industries