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गौतम अडानी का उद्योग समूह अब PTC India Ltd में हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली नहीं लगाएगा. (File Photo)
Gautam Adani decides against bid for stake in power trader PTC India : देश के बड़े उद्योगपति गौतम अडानी का उद्योग समूह अब पीटीसी इंडिया लिमिटेड (PTC India Ltd) की हिस्सेदारी खरीदने के लिए बोली नहीं लगाएगा. इससे पहले ऐसी खबरें आई थीं कि अडानी ग्रुप सरकारी क्षेत्र की इस कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी ले रहा है. लेकिन ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से दी अपनी ताजा रिपोर्ट में दावा किया है कि खुद गौतम अडानी ने अब पीटीसी इंडिया में हिस्सेदारी के लिए बोली नहीं लगाने का फैसला किया है. कुछ ही दिनों पहले खबर आई थी कि अडानी पावर ने छत्तीसगढ़ में थर्मल पावर प्लांट का संचालन करने वाली कंपनी डीबी पावर के अधिग्रहण से भी हाथ पीछे खींच लिए हैं.
कैश बचाने पर ध्यान दे रहा है अडानी ग्रुप
रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों को कहना है कि अडानी ग्रुप फिलहाल कैश बचाने पर ज्यादा ध्यान दे रहा है. पिछले महीने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगे आरोपों के बाद से अडानी समूह विवादों में है. हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को बेबुनियाद और भारत पर हमला बताकर खारिज कर दिया है, लेकिन शेयर बाजार में उसके शेयरों पर इस विवाद का बुरा असर पड़ा है.
जनवरी में आई थी PTC में अडानी के दिलचस्पी लेने की खबर
ब्लूमबर्ग रिपोर्ट ने जनवरी में खबर दी थी कि अडानी समूह पीटीसी इंडिया की इक्विटी खरीदने में दिलचस्पी ले रहा है और इसके लिए समूह पीटीसी से जुड़ी जानकारियों की समीक्षा भी कर रहा है. लेकिन अब ब्लूमबर्ग ने ही बताया है कि कुछ साल पहले तक पावर ट्रेडिंग कॉरपोरेशन कही जाने वाली कंपनी में हिस्सेदारी खरीदने में अडानी समूह की फिलहाल कोई दिलचस्पी नहीं है. ब्लूमबर्ग के मुताबिक उसे यह जानकारी कुछ सूत्रों ने नाम नहीं बताने की शर्त पर दी है. रिपोर्ट के मुताबिक अडानी समूह के एक प्रतिनिधि ने इस बारे में कोई भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
4 सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी बेचने की योजना
रिपोर्ट के मुताबिक पीटीसी इंडिया में हिस्सेदारी रखने वाली 4 सरकारी कंपनियां - एनटीपीसी लिमिटेड (NTPC Ltd.), एनएचपीसी लिमिटेड (NHPC Ltd), पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (Power Grid Corp. of India) और पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (Power Finance Corp.) पीटीसी इंडिया में अपनी 4-4 फीसदी हिस्सेदारी बेचने पर विचार कर रही हैं. कुल मिलाकर 16 फीसदी हिस्सेदारी बेचने के इस प्रस्ताव के बारे में इन सरकारी कंपनियों की एक एडवाइजर के साथ बातचीत भी चल रही है. पीटीसी के शेयर की मौजूदा कीमत के हिसाब से इस 16 फीसदी हिस्सेदारी की वैल्यू 52 मिलियन डॉलर या करीब 430 करोड़ रुपये होगी. पीटीसी का शेयर इस साल अब तक 11 फीसदी बढ़ चुका है, जिसके चलते इसकी मार्केट वैल्यू करीब 322 मिलियन डॉलर या करीब 2633 करोड़ रुपये हो चुकी है.
हिंडनबर्ग रिपोर्ट का शेयर्स पर पड़ा असर
कुछ ही दिनों पहले यह खबर आई थी कि अडानी पावर ने छत्तीसगढ़ में थर्मल पावर प्लांट का संचालन करने वाली कंपनी डीबी पावर के अधिग्रहण से भी हाथ पीछे खींच लिए हैं. दोनों कंपनियों के बीच यह डील 7,017 करोड़ रुपये में तय हुई थी. यह डील पिछले साल अगस्त में ही तय हो गई थी. लेकिन 16 फरवरी को खबर आई कि अडानी समूह अब इस सौदे को पूरा नहीं करेगा. पिछले महीने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगे आरोपों के बाद से अडानी समूह विवादों में है. हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को बेबुनियाद और भारत पर हमला बताकर खारिज कर दिया है, लेकिन शेयर बाजार में उसके शेयरों पर इस विवाद का बुरा असर पड़ा है.
(Input : Bloomberg)