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फिच के मुताबिक कोरोना वायरस की दूसरी लहर के झटकों के उबरने के बाद भारतीय इकोनॉमी अनुमान के विपरीत सुस्त गति से बढ़ी, जिसके चलके इकोनॉमी ग्रोथ के अनुमान को कम किया गया है.
GDP Growth Forecast: चालू वित्त वर्ष 2022 में भारत की इकोनॉमिक ग्रोथ के अनुमान को फिच रेटिंग्स ने आज (8 दिसंबर) कम कर दिया है. फिच रेटिंग्स के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 में भारतीय इकोनॉमी 8.4 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. इससे पहले फिच का अनुमान था कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2022 में 8.7 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. फिच के मुताबिक कोरोना वायरस की दूसरी लहर के झटकों के उबरने के बाद भारतीय इकोनॉमी अनुमान के विपरीत सुस्त गति से बढ़ी, जिसके चलके इकोनॉमी ग्रोथ के अनुमान को कम किया गया है. हालांकि फिच ने अगले वित्त वर्ष 2023 के लिए ग्रोथ अनुमान को बढ़ाकर 10.3 फीसदी कर दिया है. इससे पहले फिच ने वित्त वर्ष 2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 10 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया था.
सर्विस सेक्टर में उम्मीद के विपरीत रहा प्रदर्शन
पिछले वित्त वर्ष 2021 में कोरोना वायरस के संक्रमण को थामने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के चलते इकोनॉमी को तेज झटका लगा था. इसके चलते भारतीय अर्थव्यवस्था 7.3 फीसदी सिकुड़ गई. फिच ने अपने ग्लोबल इकोनॉमिक आउटलुक में कहा कि डेल्टा वैरिएंट के चलते इकोनॉमी में जो तेज गिरावट हुई थी, उसमें तीसरी तिमाही जुलाई-सितंबर 2021 में तेज रिकवरी हुई थी. अप्रैल-जून 2021 तिमाही में 12.4 फीसदी सिकुड़ गई थी जबकि इसकी तुलना में जीडीपी अगली तिमाही जुलाई-सितंबर 2021 में 11.4 फीसदी बढ़ी. हालांकि यह तेजी अनुमान के मुताबिक कम रही. सर्विस सेक्टर में जितनी तेजी की उम्मीद की गई थी, उतनी नहीं हुई जिसका इकोनॉमी रफ्तार पर असर पड़ा.
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RBI अगले साल बढ़ा सकती है ब्याज दर
जिस तेजी से भारत में वैक्सीनेशन में तेजी आ रही है, उससे आने वाले समय में कोरोना के चलते रिस्ट्रिक्शंस की आशंका कम होगी और यह कंज्यूमर कांफिडेंस को सपोर्ट करेगा. हालांकि फिच रेटिंग्स के मुताबिक नियर टर्म में रिकवरी को लेकर रिस्क बना हुआ है क्योंकि अभी एक तिहाई से भी कम लोगों को वैक्सीन की सभी डोज लगी है.इसके अलावा कोरोवा वायरस के नए ओमिकॉर्न वैरिएंट ने भी रिस्क को बढ़ाया है. फिच का अनुमान है कि आरबीआई अगले साल ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकती है. अगले साल 2022 की शुरुआत में आरबीआई ब्याज दरों में 75 बेसिस प्वाइंट्स (0.75 फीसदी) तक की बढ़ोतरी कर सकती है.