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GDP Growth Forecast: महंगे क्रूड के बाद भी मजबूत स्थिति में है देश की इकोनॉमी, मूडीज ने ग्रोथ अनुमान बढ़ाया

GDP Growth Forecast: क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने इस साल 2022 के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में बढ़ोतरी की है.

GDP Growth Forecast: क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने इस साल 2022 के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में बढ़ोतरी की है.

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GDP Growth Forecast Moodys ups India growth forecast For 2022

मूडीज ने इस साल के लिए ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाया है लेकिन अगले कैलेंडर वर्ष 2023 के अपने अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया.

GDP Growth Forecast: क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस (Moody's Investors Service) ने इस साल 2022 के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ के अनुमान में बढ़ोतरी की है. मूडीज के आकलन के मुताबिक इस कैलेंडर वर्ष 2022 में भारतीय जीडीपी 9.5 फीसदी की दर से बढ़ सकती है जबकि अगले वित्त वर्ष 2022-23 की ग्रोथ 8.4 फीसदी रह सकती है. मूडीज के मुताबिक तेल की ऊंची कीमतें और सप्लाई से जुड़ी दिक्कतों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ मजबूत दिख रही है. इसके पहले नवंबर 2021 में मूडीज का अनुमान कैलेंडर वर्ष 2022 के लिए 7 फीसदी और वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 7.9 फीसदी की ग्रोथ का था.

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वित्त वर्ष 2023-24 में 6.5% की ग्रोथ का अनुमान

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मूडीज ने इस साल के लिए ग्रोथ के अनुमान को बढ़ाया है लेकिन अगले कैलेंडर वर्ष 2023 के अपने अनुमान में कोई बदलाव नहीं किया. वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज के आकलन के मुताबिक अगले साल भारतीय इकॉनमी 5.5 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. मूडीज का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.4 फीसदी और वित्त वर्ष 2023-24 में 6.5 फीसदी की दर से बढ़ सकती है. मौजूदा वित्त वर्ष 2021-21 में भारतीय इकॉनमी 9.2 फीसदी की दर से बढ़ सकती है.

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2022 की दूसरी छमाही में RBI बढ़ा सकता है दरें

मूडीज के मुताबिक कोरोना के चलते भारतीय इकॉनमी को जो झटका लगा था, उसमें उम्मीद से भी अधिक तेज रिकवरी हुई. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि पिछले साल की आखिरी तिमाही अक्टूबर-दिसंबर 2021 में जीडीपी कोरोना से पहले के मुकाबले 5 फीसदी अधिक हो गई. सेल्स टैक्स कलेक्शन, रिटेल कलेक्शन और पीएमआई (पर्चेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स) से इकॉनमी की मजबूती के संकेत मिल रहे हैं लेकिन महंगे तेल व सप्लाई से जुड़ी दिक्कतों से ग्रोथ पर असर पड़ सकता है. मूडीज के मुताबिक आरबीआई ने इस महीने अपनी मॉनीटरी मीटिंग में दरों को स्थिर रखने का फैसला किया जो सपोर्टिव रहा. हालांकि क्रेडिट रेटिंग एजेंसी का मानना है कि इस साल की दूसरी छमाही जुलाई-दिसंबर 2022 में रेपो रेट बढ़ सकता है.

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