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This will be a structural break from the less than $350 billion number over the last decade.
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ICRA के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी विकास दर 20 फीसदी रहने का अनुमान है. रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में देश के जीडीपी ग्रोथ रेट में 20 फीसदी का इजाफा होगा. यह पिछले साल के लो बेस रेट की वजह से काफी ज्यादा दिख रहा है लेकिन पिछले वित्त वर्ष ( 2020-21) की पहली तिमाही में जीडीपी में 24 फीसदी की गिरावट आई थी. उस हिसाब से अभी भी यह चार फीसदी कम है.
इक्रा (ICRA) का कहना है कि सरकार के पूंजीगत खर्चों में बढ़ोतरी, वस्तुओं के निर्यात और फार्म सेक्टर के डिमांड में इजाफे की वजह से जीडीपी में 20 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हो सकती है, जबकि ग्रॉस वैल्यू (GVA) में 17 फीसदी का इजाफा हो सकता है. पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में GVA में 15 फीसदी की गिरावट को देखते हुए भी यह बढ़ोतरी भी मामूली ही होगी.
पिछले साल की भारी गिरावट से डबल डिजिट ग्रोथ बेअसर
इक्रा की चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नैयर ने कहा है कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के दौरान जीडीपी में दहाई अंक में बढ़ोतरी हो सकती है क्योंकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में इकोनॉमी में लगभग 24 फीसदी की गिरावट आई थी. इसलिए इसका ग्रोथ पर इसका असर कम होगा. आरबीआई ने भी मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 21.4 फीसदी के ग्रोथ रेट का अनुमान लगाया है. इस महीने की शुरुआत में आरबीआई ने अपने संशोधित अनुमान में ग्रोथ का यह आंकड़ा पेश किया था. इस महीने के आखिर में सरकार की ओर से ग्रोथ के आंकड़े जारी किए जाएंगे.
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इंडस्ट्री GVA में खासी बढ़ोतरी
इक्रा के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में उद्योग के जीवीए में 37.5 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है. इसमें कंस्ट्रक्शन और मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की सबसे बड़ी भूमिका होगी. दरअसल कोरोना वायरस की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर के दौरान देश भर में प्रतिबंध कम कड़े रहे औैर आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार भी तुलनात्मक रूप से तेज रही. इसका इंडस्ट्री के जीवीए को फायदा मिलता दिख रहा है. मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में केंद्र और राज्य सरकार की ओर से खर्च में बढ़ोतरी की वजह से कंस्ट्रक्शन गतिविधियों में तेजी दिख रही है. इसका इंडस्ट्री जीवीए को फायदा मिल रहा है.