/financial-express-hindi/media/post_banners/XCGgLpFUbbYe3Ioy8SzE.jpg)
Budget 2021: देश के जेम्स व ज्वैलरी निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार को बजट में कट व पॉलिश्ड डायमंड्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर 2.5 फीसदी कर देनी चाहिए. यह प्रीबजट प्रस्ताव जेम्स एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (GJEPC) का है. काउंसिल की मांग है कि कट एंड पॉलिश्ड प्रीशियस और सेमी प्रीशियस जेमस्टोन्स पर इंपोर्ट ड्यूटी को 7.5 फीसदी से घटाकर 2.5 फीसदी और गोल्ड, सिल्वर व प्लेटिनम जैसे प्रीशियस मेटल्स पर इंपोर्ट ड्यूटी 12.5 फीसदी से घटाकर 4 फीसदी की जाए.
काउंसिल की यह भी मांग है कि रफ कलर जेमस्टोन्स पर से 0.50 फीसदी की बेसिक कस्टम ड्यूटी खत्म की जाए, कर प्रावधानों में संशोधन किया जाए ताकि मुंबई में स्पेशल नोटिफाइड जोन में रफ डायमंड्स की बिक्री की जा सके और कॉमन फैसिलिटी सेंटर के लिए मौजूदा स्कीम को 5 सालों के लिए बढ़ा दिया जाए.
हर क्षेत्र में कम से कम एक CFC की मांग
GJEPC के चेयरमैन कोलिन शाह ने कॉमन फैसिलिटी सेंटर प्रॉजेक्ट की दिशा में 200 करोड़ रुपये के बजट अलोकेशन की भी मांग की है. उनका यह भी कहना है कि हर क्षेत्र में कम से कम एक मेगा कॉमन फैसिलिटी सेंटर स्थापित किया जाना चाहिए. प्रीबजट प्रपोजल में जेम्स व ज्वैलरी इंडस्ट्री के लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड स्कीम, मिनिमम इंपोर्ट प्राइस फिक्स करने, इमीटेशन ज्वैलरी के लिए इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाए जाने, EDI सिस्टम के जरिए रेट्स एंड टैक्सेज रिफंड मैकेनिज्म लाए जाने, कट एंड पॉलिश्ड क्यूबिक zirconia पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने, सिंथेटिक कट एंड पॉलिश्ड स्टोन्स पर इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाए जाने की भी मांग की गई है.
Gold: सोना-चांदी हुए सस्ते, खरीदारी से पहले जान लें हाजिर भाव
मौजूदा FY में निर्यात 1.6 लाख करोड़ पहुंचने की उम्मीद
GJEPC का कहना है कि एक्सपोर्ट मार्केट के हालात सुधर रहे हैं. इस वक्त हर माह 20-25 लाख डॉलर का निर्यात हो रहा है. अगर यही रफ्तार जारी रही तो मौजूदा वित्त वर्ष में जेम्स व ज्वैलरी का निर्यात 1.6 लाख करोड़ रुपये के लगभग यानी 20-21 अरब डॉलर हो जाने की उम्मीद है. शाह का कहना है कि जेम्स व ज्वैलरी का निर्यात धीरे-धीरे सुधर रहा है. सितंबर में यह पिछले साल के मुकाबले 26.45 फीसदी कम रहा था, जबकि अक्टूबर में 19 फीसदी और नवंबर में केवल 3.88 फीसदी कम रहा. हमने पिछले 3-4 महीनों में काफी तेजी से कई कदम उठाए, विशेषकर डिजिटल मोर्चे पर. वर्चुअल बायर सेलर मीट और इंडिया ग्लोबल कनेक्ट्स ने बिजनेस बढ़ाने में काफी मदद की. सरकार की ओर से किए गए कई उपायों ने भी इंडस्ट्री को ट्रैक पर लौटने में मदद की.