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Market Outlook This Week: ग्लोबल ट्रेंड, FII के रुख से इस हफ्ते तय होगी बाजार की चाल, जानिए क्या है जानकारों की राय

Market Outlook This Week: इस हफ्ते शेयर बाजारों का रुख ग्लोबल ट्रेंड्स, फॉरेन फंड फ्लो और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से तय होगा.

Market Outlook This Week: इस हफ्ते शेयर बाजारों का रुख ग्लोबल ट्रेंड्स, फॉरेन फंड फ्लो और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से तय होगा.

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FE Hindi Desk
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Market Outlook This Week

इस सप्ताह की प्रमुख वैश्विक घटनाएं यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा ब्याज दर पर फैसला और चीन की मुद्रास्फीति दर हैं.

Market Outlook This Week: इस हफ्ते कोई अहम घरेलू घटनाएं नहीं हैं, जिसके चलते शेयर बाजारों का रुख ग्लोबल ट्रेंड्स, फॉरेन फंड फ्लो और कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव से तय होगा. एनालिस्ट्स ने यह जानकारी देते हए कहा कि इस सप्ताह की प्रमुख वैश्विक घटनाएं यूरोपीय सेंट्रल बैंक द्वारा ब्याज दर पर फैसला और चीन की मुद्रास्फीति दर हैं. पिछले सप्ताह सेंसेक्स 30.54 अंक या 0.05 प्रतिशत टूट गया था, जबकि निफ्टी 19.45 अंक या 0.11 प्रतिशत गिर गया.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

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  • स्वास्तिका इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के रिसर्च हेड संतोष मीणा ने कहा, ‘‘भारतीय इक्विटी बाजार, ज्यादातर वैश्विक बाजारों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं और कमजोर वैश्विक संकेतों के बावजूद लचीलापन दिखाने की कोशिश कर रहे हैं. इस सप्ताह घरेलू मोर्चे पर कोई अहम घटना नहीं है, इसलिए वैश्विक बाजारों की दिशा हमारे बाजार की दिशा में एक अहम भूमिका निभाएगी.’’
  • मीणा ने कहा कि वैश्विक मोर्चे पर यूरोपीय सेंट्रल बैंक आठ सितंबर 2022 को ब्याज दर के बारे में फैसला करेगा. इसके अलावा अगस्त के लिए सर्विस सेक्टर के PMI (खरीद प्रबंधक सूचकांक) आंकड़े भी बाजार को प्रभावित करेंगे. ये आंकड़े सोमवार को आएंगे.

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FPI निवेश बढ़ने से मिलेगी मदद

रेलिगेयर ब्रोकिंग लिमिटेड के रिसर्च VP अजीत मिश्रा ने कहा, ‘‘किसी भी बड़े घटनाक्रम के अभाव में प्रतिभागियों की नजर वैश्विक बाजारों पर होगी. इसके अलावा विदेशी प्रवाह के रुख पर भी उनकी नजर रहेगी.’’ जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि एफपीआई आवक बढ़ने से घरेलू शेयर बाजारों को लचीला बने रहने में मदद मिली. हालांकि पिछले दिनों अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बाजार की उम्मीदों के विपरीत मौद्रिक सख्ती की ओर इशारा किया. ऐसे में आर्थिक मंदी की चिंताएं बढ़ गईं और दुनिया भर के बाजारों पर इसका असर देखने को मिला.

(इनपुट-पीटीआई)

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