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सुरक्षित निवेश के तौर पर गोल्ड और सिल्वर बेहतर विकल्प माना जाता रहा है. (Image- Reuters)
सुरक्षित निवेश के तौर पर गोल्ड और सिल्वर बेहतर विकल्प माना जाता रहा है. हालांकि कोरोना महामारी के चलते इसके भाव में लगातार उतार-चढ़ाव हो रहा है. पिछले साल अगस्त में गोल्ड और सिल्वर के भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे जिसके बाद से इसमें गिरावट आई है. इस समय गोल्ड रिकॉर्ड ऊंचाई से करीब 9 हजार रुपये के डिस्काउंट पर 47 हजार प्रति दस ग्राम के आस-पास भाव पर हैं. वहीं चांदी भी करीब 8 हजार रुपये के डिस्काउंट पर 68 हजार प्रति किग्रा के करीब भाव पर है. बढ़ते कोरोना केसेज के चलते और अमेरिका में ब्याज दरें नहीं बढ़ाए जाने के चलते इनके भाव में तेजी देखने को मिल सकती है. बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक अगले एक से दो महीने में अधिक तेजी की उम्मीद नहीं है लेकिन लांग टर्म की बात करें तो साल के अंत तक गोल्ड और सिल्वर एक बार फिर रिकॉर्ड भाव के करीब पहुंच सकते हैं. दो से तीन महीने की बात करें तो गोल्ड के भाव में 1-2 हजार की तेजी और सिल्वर के भाव में 3-4 हजार रुपये की तेजी देखने को मिल सकती है.
सिल्वर के भाव में 22 फीसदी तेजी का अनुमान
सिल्वर इंस्टीट्यूट चांदी को लेकर बुलिश है और उसका अनुमान है कि बार और क्वाइंस की खरीदारी वैश्विक स्तर पर इस साल 2021 में 6 साल के रिकॉर्ड स्तर 72.8 लाख किग्रा (25.7 करोड़ औंस) तक पहुंच सकता है. सिल्वर इंस्टीट्यूट के मुताबिक 2021 में निवेशकों और उद्योगों की तरफ से चांदी की वैश्विक मांग बढ़कर 2.9 करोड़ किग्रा (102.5 करोड़ औंस) होने का अनुमान है जो पिछले आठ साल की रिकॉर्ड मांग होगी. विश्व बैंक के मुताबिक इस साल 2021 में सिल्वर के भाव में 22 फीसदी तक की तेजी आ सकती है. घरेलू बाजार में इसके भाव इस साल के अंत तक 75-80 हजार रुपये प्रति किग्रा तक जा सकते हैं. चांदी के भाव में तेजी को औद्योगिक मांग से सपोर्ट मिलेगा. गोल्ड के विपरीत इसकी औद्योगिक मांग अधिक है. गोल्ड का अधिकतम इस्तेमाल निवेश के अतिरिक्त गहने के रूप में होता है जबकि चांदी का इस्तेमाल मेडिकल इंड्स्ट्री से लेकर उद्योगों में होता है. चांदी का ईवी में भी इस्तेमाल होता है और 5जी नेटवर्क में और दोनों ही भविष्य में ग्रो करने वाले हैं. इसके चलते चांदी के भाव में अधिक तेजी का अनुमान है.
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सोने एक बार फिर होगा 50 हजार के पार
पिछले साल अगस्त में गोल्ड अगस्त में रिकॉर्ड 56 हजार के भाव पर चला गया था. हालांकि उसके बाद इसके भाव में गिरावट आनी शुरू हुई और इसके भाव इस समय घरेलू बाजार में 47 हजार के करीब पर हैं. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के मुताबिक इस साल की पहली तिमाही जनवरी-मार्च 2021 में भारत में गोल्ड की मांग 37 फीसदी बढ़कर 140 टन हो गई. पिछले साल कोरोना महामारी आने के पहले जनवरी-मार्च 2020 में इसकी मांग 102 टन थी. जनवरी-मार्च 2021 में बार और क्वाइन की मांग भी 6 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई. विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार गोल्ड के भाव 50-52 हजार के लेवल पर अगले कुछ महीनों में फिर पहुंच सकते हैं क्योंकि कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं और अमेरिका में ब्याज दरें भी नहीं बढ़ी हैं जिसके चलते निवेशकों का रुझान सुरक्षित निवेश की तरफ बढ़ रहा है. इससे गोल्ड की मांग बढ़ेगी और इसके भाव मजबूत होंगे.
(केडिया कमोडिटी की रिपोर्ट और आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड रिसर्च) अनुज गुप्ता से बातचीत पर आधारित)