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Gold ETF Vs SGB: बहुत महंगा हुआ सोना, अब कैसे करना चाहिए निवेश

Gold Bind Vs Gold ETF: सोना इस साल वायदा बाजार और हाजिर बाजार दोनों ही जगह बहुत महंगा हो चुका है. और इसकी कीमतें 51 हजार प्रति 10 ग्राम के आस पास पहुंच गईं.

Gold Bind Vs Gold ETF: सोना इस साल वायदा बाजार और हाजिर बाजार दोनों ही जगह बहुत महंगा हो चुका है. और इसकी कीमतें 51 हजार प्रति 10 ग्राम के आस पास पहुंच गईं.

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Sushil Tripathi
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Gold ETF Vs SGB: बहुत महंगा हुआ सोना, अब कैसे करना चाहिए निवेश

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Gold Bond Vs Gold ETF: सोना इस साल वायदा बाजार और हाजिर बाजार दोनों ही जगह बहुत महंगा हो चुका है और इसकी कीमतें 51 हजार प्रति 10 ग्राम के आस पास पहुंच गईं. एमसीएक्स पर सोना इस साल करीब 28 फीसदी की तेजी के साथ 50707 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया. साल 2019 में भी सेफ हैवन सोने में 24 फीसदी तेजी आई थी. एक्सपर्ट आगे भी सोने में बढ़त जारी रहने की बात कह रहे हैं. निवेशक भी इस तेजी को देखकर सोने की ओर अट्रैक्ट हुए जरूर हैं, लेकिन इसका भाव देखकर बहुत से लोग घबराए हुए हैं. उन्हें कीमतें टूटने का डर लग रहा है. ऐसे में जब सोने में निवेश के कई विकल्प हैं, आपको जानना जरूरी है कि कौन सा विकल्प अभी बेहतर है. गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड बांड और गोल्ड फंड जैसे विकल्पों के जरिए सोने में पैसा लगाया जा सकता है.

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इसके लिए आपको सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि सोने में निवेश और फिजिकल सोना खरीदने में अंतर होता है. फिजिकल बॉइंग ज्यादातर लोग जरूरत या शौक के लिए करते हैं. दूसरी ओर फिजिकल गोल्ड पर मेकिंग चार्ज और जीएसटी भी देना होता है, जिससे खरीदते समय उसकी कीमत ज्यादा हो सकती है. लेकिन अगर उसने बेचने की जरूरत पड़े तो वह बाजार भाव से कम कीमत पर बिकता है. दूसरी ओर गोल्ड ईटीएफ, गोल्ड बांड और गोल्ड फंड जैसे विकल्प इससे अलग हैं.

गोल्ड ETF: खासियत

गोल्ड ETF एक इन्वेस्टमेंट फंड है जो मुख्य तौर पर स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड करता है. इन फंड का फंक्शन स्टॉक की ही तरह होता है. निवेशक गोल्ड ईटीएफ ऑनलाइन खरीद सकते हैं और इसे अपने डीमैट अकाउंट में रख सकते हैं.

इलेट्रॉनिक फॉम में होने की वजह से ये सुरक्षित होते हैं. गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड के मुकाबले ज्यादा लिक्विड भी होते हैं. यानी आप फिजिकल गोल्ड के मुकाबले गोल्ड ईटीएफ को जल्दी बेच सकते हैं और आपको कैश भी जल्दी मिल जाएगा. गोल्ड ईटीएफ में मेकिंग चार्ज का झंझट नहीं होता है. इसके जरिए सोने की कम से कम मात्रा में निवेश का विकल्प होता है. गोल्ड ईटीएफ में सोने की प्योरिटी का डर भी नहीं होता है.

सॉवरेन गोल्ड बांड (SGB): खासियत

सॉवरेन गोल्ड बांड भी सरकार क्षरा चलाई जा रही योजना है, जिसमें निवेशक सोने में बांड के रूप में निवेश कर सकते हैं. यह बांड रिजर्व बैंक आफ इंडिया द्वारा जारी किया जाता है. इसमें 1 ग्राम से लेकर 4 किलो ग्राम सोने के वेल्यू के बराबर निवेया किया जा सकता है. इसकी खासियत यह है कि बांड पर सरकार 2.5 फीसदी सालाना ब्याज भी देती है. वहीं आॅनलाइन निवेश करने पर हर ग्राम पर तय कीमत से 50 रुपये की छूट मिलती है. सालाना ब्याज के अलावा फायदा यह है कि इसे बेचने पर वह कीमत हासिल होती है जो बाजार में चल रही हो. इसमें भी सोने की प्योरिटी, मेकिंग चार्ज आदि का झंझट नहीं होता है. लांग टर्म इन्वेस्टर्स के लिए यह निवेया का बेस्ट विकल्प माना जाता है. क्योंकि हिस्ओरिकल ट्रेंड देखें तो 5 से 10 साल के दौरान हमेशा सोने में तेजी आई है.

क्या करना चाहिए

केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि निवेश के लिए दोनों विकल्प बेहतर है, लेकिन इसके पहले निवेशकों को अपनी जरूरत का ध्यान रखना चाहिए. गोल्ड ईटीएफ की खासियत है कि यह तुरंत लिक्विडिटी उपलब्ध कराती है. इसे खरीदना बौर बेचना आसान है. लेकिन अगर आपको लंबी अवधि के लिहाज से निवेश करना है और साल या 2 साल में लिक्विडिटी की जरूरत नहीं है तो गोल्ड बांड बेहतर विकल्प है. गोल्ड बांड का रिटर्न सोने की तेजी पर बेस्ड है और लंबी अवधि में रिटर्न बेहतर रहने की गुंजाइश ज्यादा होता है. साथ ही उस पर 2.5 फीसदी सालाना का अतिरिक्त ब्याज मिलता है जे इसके फीसर्च को और खास बना देता है. गोल्ड ईटीएफ की बात करें तो ऐसे कई फंड हैं, जिन्होंने 5 साल में डबल डिजिट में रिटर्न दिया है.

Gold Bond Scheme