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Gold ETF Units : शेयर की तरह गोल्ड ईटीएफ यूनिट्स खरीद सकते हैं. इसमें फिजिकल गोल्ड के मुकाबले परचेजिंग चार्ज कम होता है. (Pixabay)
Gold ETF 2024: गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स ( Gold ETF) पिछले कुछ साल से निवेश का सुरक्षित विकल्प बन गया है. यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने की गिरते चढ़ते भावों पर आधारित होता है. पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ है, जो बहुत ज्यादा कॉस्ट-इफेक्टिव होता है. यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट (Gold Investment) के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है. गोल्ड ईटीएफ की खरीद और बिक्री शेयर की ही तरह बीएसई और एनएसई पर की जा सकती है. इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होने की वजह से गोल्ड ETF में प्योरिटी को लेकर कोई दिक्कत नहीं होती.
3 साल में बेस्ट रिटर्न वाले गोल्ड ईटीएफ
LIC MF Gold ETF FoF : 14 फीसदी सालाना
Invesco India Gold ETF : 13.15 फीसदी सालाना
ICICI Pru Gold ETF : 13.10 फीसदी सालाना
Kotak Gold ETF : 13 फीसदी सालाना
ABSL Gold ETF : 13 फीसदी सालाना
SBI Gold ETF : 13 फीसदी सालाना
Axis Gold ETF : 12.50 फीसदी सालाना
UTI Gold ETF : 12.50 फीसदी सालाना
HDFC Gold ETF : 12 फीसदी सालाना
गोल्ड ईटीएफ के फायदे
- शेयर की तरह गोल्ड ईटीएफ यूनिट्स खरीद सकते हैं. इसमें फिजिकल गोल्ड के मुकाबले परचेजिंग चार्ज कम होता है. जबकि 100 फीसदी शुद्धता की गारंटी मिलती है.
- इसमें फिजिकल गोल्ड खरीदने (Gold Rates Today) और उसके रख रखाव का झंझट नहीं होता है. लंबी अवधि में निवेश से अच्छा रिटर्न भी मिलता है.
- इसमें SIP के जरिए निवेश की सुविधा है. शेयर बाजार में निवेश के मुकाबले गोल्ड ETF में निवेश कम उतार चढ़ाव वाला होता है.
- इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होने की वजह से गोल्ड ETF में प्योरिटी को लेकर कोई दिक्कत नहीं होती.
- गोल्ड ETF को डीमैट अकाउंट के जरिए ऑनलाइन खरीद सकते हैं. हाई लिक्विडिटी यानी आप जब चाहें इसे खरीद और बेच सकते हैं. गोल्ड ETF की शुरुआत आप 1 ग्राम यानि 1 गोल्ड ETF से भी कर सकते हैं.
- टैक्स के मामले में फिजिकल गोल्ड से सस्ता है. गोल्ड ETF पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस चुकाना होता है. गोल्ड ETF को लोन लेने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
- फिजिकल सोने पर आपको मेकिंग चार्ज चुकाना होता है. लेकिन गोल्ड ETF में ऐसा नहीं होता है.
गोल्ड ईटीएफ में कैसे करें निवेश?
निवेश के लिए कम से कम एक यूनिट खरीदना जरूरी. हर यूनिट 1 ग्राम की होती है. गोल्ड ईटीएफ की खरीददारी शेयरों की ही तरह होती है. मौजूदा ट्रेडिंग खाते से ही गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ की यूनिट डीमैट खाते में जमा होती है. ट्रेडिंग खाते के जरिए ही गोल्ड ईटीएफ को बेचा जाता है.
एसेट के रूप में सोने का महत्व
देश में कई लोग लंबे समय के लिए सोने में निवेश करते हैं. इसकी इकोनॉमिक वैल्यू लांग टर्म में भी बनी रहती है. इसलिए अधिकतर लोग सेफ एसेट मानते हैं और इसमें निवेश करते हैं. यही नहीं, सोने को इन्फ्लेशन के खिलाफ एक बचाव के रूप में भी देखा जाता है. एसेट एलोकेशन (Asset Allocation) में सोना अहम भूमिका निभाता है. रिस्क डाइवर्सिफिकेशन एसेट एलोकेशन का एक अनिवार्य पहलू है. अपने निवेश पोर्टफोलियो में सोना जोड़ने से बाजार में आपके पोर्टफोलियो में अधिक स्टेबिलिटी आएगी.