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इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट यानी EGR से सोने की कीमतों में ज्यादा पारदर्शिता आएगी.
Gold Exchange Framework : मार्केट रेगुलेटर (Sebi) ने मंगलवार को गोल्ड एक्सचेंज बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. गोल्ड एक्सचेंज में सोने का कारोबार इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट (रसीद) यानी EGR के जरिये हो सकेगा. इससे गोल्ड के हाजिर भाव (Sport Price)में ज्यादा पारदर्शिता आएगी. सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि गोल्ड के प्रतिनिधि इंस्ट्रूमेंट को इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट (EGR) कहा जाएगा. उन्होंने कहा कि शेयर समेत दूसरे सिक्योरिटीज के तरह ही इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट की ट्रेडिंग, क्लीयरिंग और सेटलमेंट भी होगा.
सेबी की अनुमति के बाद तय होगी EGR की न्यूनतम कीमत
इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीट (EGR) की लॉन्चिंग किसी भी मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज या फिर नए स्टॉक एक्सचेंज से होगी. सेबी की अनुमति के बाद ही तय होगा कि EGR की न्यूनतम कीमत कितनी होगी. इसके बाद स्टॉक एक्सचेंज EGR को गोल्ड में बदल सकेंगे. सेबी के मुताबिक गोल्ड एक्सचेंज में EGR की ट्रेडिंग और फिजिकल गोल्ड की डिलीवरी का पूरा इको-सिस्टम होगा और यह देश में गोल्ड कारोबार में ज्यादा पारदर्शिता और विकल्प मुहैया कराएगा.
गोल्ड एक्सचेंज EGR की खरीद-बिक्री का नेशनल प्लेटफॉर्म होगा
गोल्ड एक्सचेंज EGR की खरीद-बिक्री का नेशनल प्लेटफॉर्म होगा. ईजीआर के तहत स्टैंडर्ड गोल्ड का कारोबार होगा और पूरे देश में गोल्ड के एक जैसे प्राइस स्ट्रक्चर को बनाने में मदद करेगा. फिलहाल देश में गोल्ड की एक कीमत नहीं है. दक्षिण के राज्यो में गोल्ड की कीमत उत्तर के राज्यों से कम है. साथ ही मार्केट की ट्रांसपेरेंसी में दक्षिण के राज्य आगे हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा था कि सेबी गोल्ड एक्सचेंज का रेगुलेटर होगा के लिए नियामक होगा. उन्होंने कहा था कि वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (Warehousing Development and Regulatory Authority) कमोडिटी मार्केट को कमोडिटी मार्केट का इकोसिस्टम बनाने के लिए मजबूत किया जाएगा.