/financial-express-hindi/media/post_banners/jBaVlqaLxO69SLvW2qiN.jpg)
एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस साल के अंत तक गोल्ड के भाव 52 हजार के लेवल तक पहुंच सकते हैं. (Image- PTI)
Gold Investment: पिछले साल अगस्त 2020 में रिकॉर्ड ऊंचाई छूने के बाद से गोल्ड के भाव में आम तौर पर कमजोरी का रुझान बना रहा है. हालांकि पिछले कुछ समय के दौरान कमजोर डॉलर और बढ़ती मांग के चलते नॉन-एग्री कमोडिटीज के भाव तेजी से बढ़ रहे हैं. इस बीच दुनिया भर में एक बार फिर कोरोना के डेल्टा वैरिएंट को लेकर चिंता बढ़ रही है.
ऐसे में गोल्ड में निवेश को लेकर एक बार फिर आकर्षण बढ़ रहा है. विशेषज्ञों का मानना है कि गोल्ड में निवेश का यह बेहतर समय है क्योंकि इस समय गोल्ड अपने रिकॉर्ड भाव से करीब 9500-10000 हजार रुपये डिस्काउंट पर है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस साल 2021 के अंत तक गोल्ड के भाव 52 हजार के लेवल तक पहुंच सकते हैं. वहीं एक से डेढ़ महीने की बात करें तो गोल्ड के भाव 50 हजार का लेवल फिर छू सकते हैं.
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर 5 अगस्त एक्सपायरी के गोल्ड भाव बढ़त के साथ 47908 रुपये और 3 दिसंबर 2021 एक्सपायरी के गोल्ड भाव 48084 रुपये पर हैं. दिल्ली में सोमवार को गोल्ड के हाजिर भाव (22 कैरट) 47140 रुपये प्रति दस ग्राम के आसपास रहे. कॉमेक्स (Comex) पर गोल्ड के भाव मजबूत हुए हैं. इसके भाव 1814 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचते नज़र आए. मेटल्स की फ्यूचर व ऑप्शंस ट्रेडिंग के लिए कॉमेक्स दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट है.
क्या है e-RUPI? जानिए किस तरह यह डिजिटल करेंसी से ये है अलग और इसके फायदे
जून 2021 तिमाही में बढ़ी गोल्ड की मांग
- वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल ने कुछ दिनों पहले अपनी एक रिपोर्ट जारी की थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक इस साल की दूसरी तिमाही (अप्रैल-जून 2021) में गोल्ड की मांग सालाना आधार पर 19.2 फीसदी बढ़कर 76.1 लाख टन की रही.
- हालांकि तिमाही आधार पर कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते जून तिमाही में गोल्ड की मांग में 46 फीसदी की गिरावट आई. कोरोना के चलते देश के कई हिस्सों में लॉकडाउन/रिस्ट्रिक्ंशस के चलते गोल्ड की मांग प्रभावित हुई.
- जनवरी-जून 2021 छमाही में 157.6 टन गोल्ड की मांग रही जोकि 2019 की पहली छमाही की तुलना में 46 फीसदी और 2015-2019 के पहली छमाही में औसतन मांग की तुलना में 39 फीसदी कम है.
- दूसरी तिमाही में सालाना आधार पर सबसे अधिक गोल्ड ज्वैलरी की मांग बढ़ी. इसकी मांग 25 फीसदी बढ़कर 55.1 टन हो गई जबकि निवेश में महज 6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और अप्रैल-जून 2021 में 21 टन सोने में निवेश हुआ.
- जून 2021 तिमाही में 19.7 टन गोल्ड रिसाइकल हुआ जो पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 43 फीसदी अधिक रहा.
Stock Tips: Zomato के हाई वैल्यूएशन से न घबराएं, इस टारगेट प्राइस पर जोमैटो में निवेश की सलाह
गोल्ड में निवेश को लेकर एक्सपर्ट की ये है राय
- ब्रोकरेज एंड रिसर्च फर्म आईआईएफएल सिक्योरिटीज (IIFL Securities) के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटीज एंड रिसर्च) अनुज गुप्ता के मुताबिक अमेरिकी इकोनॉमी में स्लोडाउन है जिसके चलते गोल्ड के प्रति आकर्षण बढ़ रहा है. इसके अलावा अगले कुछ महीनों में त्यौहारों और शादियों के चलते गोल्ड की फिजिकल डिमांड बढ़ने वाली है. इसके चलते इसके भाव ऊपर जाएंगे. ऐसे में अनुज गुप्ता का अनुमान है कि अगले एक से डेढ़ महीने में इसके भाव 50 हजार का लेवल पार कर सकते हैं और दिसंबर तक इस के भाव 52 हजार का लेवल छू सकते हैं. ऐसे में गोल्ड में निवेश का यह बेहतर समय है.
- अमेरिकी फेड बांड खरीदने के कार्यक्रम में किसी बदलाव को लेकर अभी किसी जल्दी में नहीं है और डेल्टा वैरिएंट के चलते दुनिया भर में एक बार फिर बाजार में निवेश को लेकर घबराहट है. ऐसे में गोल्ड के प्रति निवेशकों का भरोसा मजबूत हो रहा है. एचडीएफसी सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट (कमोडिटीज) तपन पटेल के मुताबिक आने वाले हफ्तो में कोमेक्स पर गोल्ड को 1860 डॉलर प्रति औंस पर रेजिस्टेंस झेलना पड़ सकता है जबकि 1790 डॉलर पर इसे सपोर्ट मिलेगा. पटेल के मुताबिक एमसीएक्स पर गोल्ड अक्टूबर के भाव को 48600 रुपये प्रति 10 ग्राम पर रेजिस्टेंस झेलना पड़ सकता है और 47700 रुपये प्रति दस ग्राम पर सपोर्ट मिलेगा.
(नोट: यह आर्टिकल महज जानकारी के लिए है. निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने सलाहकार से जरूर संपर्क लें.)