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Investors have poured into gold as the coronavirus pandemic’s hit to global growth underpinned its status as a safe haven.
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कोरोनावायरस लॉकडाउन (coronavirus lockdown) के दौरान अनलॉक-2 में सोने की कीमतें रोज नए-नए रिकॉर्ड बना रही हैं. गुरुवार को दिल्ली सराफा बाजार में सोना 51 हजारी हो गया. बाजारों में यह उम्मीद की जा रही है की 3 अगस्त (रक्षाबंधन) से शुरू हो रहे त्योहारी सीजन में सोने-चांदी की बिक्री अच्छी होगी. सराफा कारोबारियों का कहना है कि दिवाली तक सोना 55,000 रुपये प्रति दस ग्राम के स्तर पर पहुंच सकता है. वहीं, चांदी भी 75,000 रुपये प्रति किलो का स्तर दिखा सकती है. इस बीच, कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने सोने की हॉलमार्किंग अनिवार्य करने की समय सीमा को लेकर 2 साल की छूट दिए जाने की बात कही है. उनका कहना है कि कोविड19 से व्यापार ठप रहा जिससे पुराना सोने का स्टॉक खत्म नहीं हो पाया है.
आल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के राष्ट्रीय संयोजक पंकज अरोरा का कहना है कि सोने की मौजूदा तेजी को देखते हुए उम्मीद है कि दिवाली पर सोने का भाव 55 हजार प्रति 10 ग्राम पहुंच जाएगा. अरोरा ने बताया की 22 मार्च के लॉकडाउन के पहले सोना 41000 रुपये/10 ग्राम और चांदी 40000 रुपये/किलो के स्तर पर थे. लॉकडाउन के 4 महीने बाद सोने में 28-30% और चांदी में 40-45% की बढ़ोतरी आ चुकी है.
दिवाली तक चांदी 75 हजार तक
अरोरा ने बताया कि दिवाली तक चांदी का भाव 72 हजार से लेकर 75 हजार प्रति किलोग्राम तक पहुंचने की उम्मीद है. सोना हमेशा से ग्राहकों के लिए निवेश का सबसे बेहतर और सुरक्षित पसंद रहा हैं क्योंकि आम तौर पर सोने की कीमतों में सदैव बढ़ोतरी बनी रहती है. दूसरी ओर व्यापारियों के लिए भी निवेश के नजरिए से यह सबसे सुरक्षित जरिया है और देश में अनेक व्यापारी सोने में निवेश करते आए है.
51 हजारी हुआ सोना, 502 रुपये की तेजी के साथ नए रिकॉर्ड पर भाव
ज्वेलर्स के पास 300 टन पुराना सोना
कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल का कहना है कि सोने के व्यापार में 15 जनवरी, 2021 से प्रत्येक सोने की वस्तु पर हॉलमार्क अनिवार्य कर दिया है. पुराने स्टॉक को खत्म करने के लिए सरकार ने एक वर्ष का समय दिया था लेकिन इस वर्ष कोविड के कारण व्यापारिक गतिविधियां पूरे देश में लगभग ठप्प रही हैं और सोने का व्यापार करने वाले व्यापारियों के पास से पुराना स्टॉक खत्म ही नहीं हो पाया. देश भर में लगभग 3 लाख ज्वेलर्स हैं और यदि प्रत्येक ज्वेलर के पास करीब एक किलो पुराने सोने का स्टॉक भी गिना जाए तो वर्तमान में देश भर में लगभग 300 टन पुराना सोना पड़ा है और जब तक सोने का यह स्टॉक खत्म नहीं हो जाता तब तक हॉलमार्क का अनिवार्य होना मुश्किल है.
हॉलमार्क अनिवार्य करने में मिले 2 साल की छूट
खंडेलवाल का कहना है कि सरकार को हॉलमार्क अनिवार्य करने की समय सीमा में 2 साल की और छूट देनी चाहिए. यानी, इस तारीख को दो साल आगे बढ़ा देना चाहिए. इस मांग को लेकर व्यापारियों का एक प्रतिनिधिमंडल कैट के नेतृत्व में शीघ्र केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान से मिलेगात. अरोरा का कहना है कि व्यापार के मौजूदा हालत को देखते हुए देश में सोने का जो स्टॉक है उसको समाप्त करने में दो वर्ष का समय लगेगा.