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बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आगे भी चांदी में बेहतर रिटर्न मिलेगा क्योंकि इसका इस्तेमाल औद्योगिक उत्पादों में किया जाता है और 5जी नेटवर्क आने वाला है जिससे चांदी की खपत भी बढ़ेगी.
Gold vs Silver: पिछले साल कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर की इकोनॉमी बुरी तरह प्रभावित हुई थी. हालांकि निवेशकों के लिए गोल्ड और सिल्वर ने बेहतर रिटर्न दिया था. पिछले साल 2020 में सोने में करीब 28.24 फीसदी की तेजी आई जो पिछले आठ साल के सबसे अधिक था. इसके अलावा घरेलू बाजार में चांदी में भी 45.80 फीसदी की तेजी आई जो 2010 के बाद सबसे अधिक था. हालांकि इस साल की बात करें तो इस साल 2021 में सोने में 10 फीसदी की गिरावट आई है जबकि चांदी में 6 फीसदी की गिरावट आई है. अब अगर गोल्ड और सिल्वर की तुलना करें पिछले साल चांदी ने निवेशकों को गोल्ड की तुलना में अधिक रिटर्न दिया और इस साल निवेशकों के रिटर्न में सोने की तुलना में कम गिरावट है. बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि आगे भी चांदी में बेहतर रिटर्न मिलेगा क्योंकि इसका इस्तेमाल औद्योगिक उत्पादों में किया जाता है और 5जी नेटवर्क आने वाला है जिससे चांदी की खपत भी बढ़ेगी. इसकी तुलना गोल्ड से करें तो गोल्ड की खास खपत नहीं है जिसके चलते चांदी के प्रति निवेशकों का भरोसा और मजबूत हुआ है.
डिस्काउंट पर गोल्ड और सिल्वर
कोरोना महामारी के चलते दुनिया भर में निवेशक सुरक्षित निवेश के तौर पर गोल्ड और सिल्वर के प्रति आकर्षित हुए थे. अगस्त 2020 में सोने और चांदी के भाव रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए थे. अगस्त में सोना 56 हजार के पार चला गया था जबकि चांदी 78 हजार के करीब पहुंच गई थी. हालांकि इसके बाद स्थिति धीरे-धीरे सामान्य होने और कोरोना वैक्सीन के चलते इसके भाव कम होने लगे. इस समय की बात करें तो दोनों कीमती धातुएं जबरदस्त डिस्काउंट पर हैं. सोना इस समय करीब 44 हजार के भाव पर है जबकि चांदी 67,600 के भाव पर.
2021: सोने और चांदी में गिरावट
इस साल की शुरुआत में सोने के भाव 48860 पर थे जो अब लुढ़कर 44000 रह गए हैं और इस प्रकार गोल्ड के भाव में करीब 10 फीसदी की गिरावट आ गई है. इसकी तुलना चांदी से करें तो चांदी के भाव 72 हजार से लुढ़ककर महज 6 फीसदी गिरे हैं और अभी यह 67600 के भाव पर है. इस प्रकार निवेशकों का निवेश गोल्ड की बजाय चांदी में अधिक सुरक्षित बना हुआ है. आईआईएफएल सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटीज एंड करेंसीज) अनुज गुप्ता के मुताबिक गोल्ड और सिल्वर के भाव में गिरावट की मुख्य वजह बांड यील्ड का अधिक होना और बाजार का धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में आना है. बांड यील्ड अधिक होने के चलते निवेशकों का रुझान बांड की तरफ बढ़ा है. इसके अलावा धीरे-धीरे आर्थिक गतिविधियां सामान्य हो रही हैं तो लोगों का भरोसा इक्विटी पर बढ़ रहा है जिसके चलते गोल्ड और सिल्वर से निवेश कम हुआ है.
सिल्वर में मिल सकता है बेहतर रिटर्न
अनुज गुप्ता के मुताबिक निवेशकों के लिए यह बेहतर समय है गोल्ड और सिल्वर में निवेश का. हालांकि सिल्वर में निवेश पर बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना है क्योंकि इसका इस्तेमाल गोल्ड की तुलना में अधिक है. गोल्ड का अधिकतम इस्तेमाल निवेश के अतिरिक्त गहने के रूप में होता है जबकि चांदी का इस्तेमाल मेडिकल इंड्स्ट्री से लेकर उद्योगों में होता है. चांदी का ईवी में भी इस्तेमाल होता है और 5जी नेटवर्क में और दोनों ही भविष्य में ग्रो करने वाले हैं. ऐसे में अगर लंबे समय के लिए निवेश करना है तो चांदी से बेहतर रिटर्न मिल सकता है. इस साल के अंत तक चांदी के भाव एक बार 75 हजार का लेवल दिखा सकते हैं जबकि गोल्ड 51-52 हजार का लेवल दिखा सकते हैं.