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Officials from the original SBI branch in Panruti, upon visiting the fake branch found that the infrastructure mirrored that of official branches of the bank
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देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने एक ब्याज फिर कर्ज की ब्याज दरों में कटौती की है. बैंक की ओर से बुधवार को दी गई जानकारी के अनुसार SBI ने 3 महीने की अवधि तक एमसीएलआर में 5-10 आधार अंक यानी 0.05-0.10 फीसदी की कटौती कर 6.65 फीसदी कर दिया है. इसके साथ ही यह बैंक के EBLR (एक्टर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स) के बराबर हो गई हैं. नई दरें 10 जुलाई से प्रभावी हो जाएंगी. बैंक की तरफ से MCLR में लगातार 14वीं बार कटौती की गई है. इस संशोधन के बाद एसबीआई का एमसीएलआर मार्केट में सबसे कम हो गया है.
MCLR में कटौती का फायदा उन्हीं ग्राहकों को होगा, जिनके लोन इससे जुड़ें हैं. यानी, उनकी ईएमआई का बोझ कम होगा. हालांकि, इसका फायदा तभी से शुरू होगा जब लोन की रीसेट डेट आएगी. आमतौर पर बैंक छह महीने या सालभर के रीसेट पीरियड के साथ होम लोन ऑफर करते हैं. रीसेट डेट आने पर भविष्य की ईएमआई उस समय की ब्याज दरों पर निर्भर करेंगी. बैंकों ने 1 अप्रैल 2016 से एमसीएलआर (मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिग रेट) पर लोन देना शुरू किया था. हालांकि, फिलहाल बैंक एक्टर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट्स (EBLR) पर लोन उपलब्ध कराते हैं.
SBI: बीते 13 बार में कितना घटा MCLR
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केनरा बैंक और BoM ने भी घटाया था MCLR
इससे पहले, सरकारी क्षेत्र के केनरा बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BoM) ने सोमवार को MCLR आधारित लेंडिंग रेट में केनरा बैंक ने 0.10 फीसदी और बैंक ऑफ महाराष्ट्र में 0.20 फीसदी की कटौती की. सभी कटौती सभी अवधि के लोन के लिए है. संशोधित दरें 7 जुलाई से प्रभावी हो गईं.
RBI ने घटाया था रेपो रेट
बैंकिंग व्यवस्था में पिछले कुछ महीनों में कर्ज की ब्याज दरों में गिरावट हुई है. यह सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से सुस्त होती अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए साथ में मिलकर लिए गए कदमों के बाद की गई है. आरबीआई ने पिछले महीने रेपो रेट में 0.40 फीसदी की कटौती की थी जिसके बाद यह 4 फीसदी के निचले स्तर पर आ गया. इसके पहले मार्च में भी रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की गई थी.