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Air India को बेचने की कोशिश फिर हुई तेज, TATA समेत कई कंपनियों ने लगाई बोली

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने भारतीय मीडिया की खबरों का हवाला देकर कहा है कि स्पाइस जेट के प्रमोटर अजय सिंह ने भी एयर इंडिया के लिए बोली लगाई है. हालांकि उसने खबर की पुष्टि नहीं की है.

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने भारतीय मीडिया की खबरों का हवाला देकर कहा है कि स्पाइस जेट के प्रमोटर अजय सिंह ने भी एयर इंडिया के लिए बोली लगाई है. हालांकि उसने खबर की पुष्टि नहीं की है.

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Air India को बेचने की कोशिश फिर हुई तेज, TATA समेत कई कंपनियों ने लगाई बोली

एयर इंडिया के लिए बोली लगाने की डेडलाइन 15 सितंबर, 2021 को खत्म हो गई.

एयर इंडिया को खरीदने के लिए एयर इंडिया समेत कुछ और कंपनियों ने बोली लगाई है. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि उसे कई बोलियां मिली हैं. इस बीच, टाटा सन्स के प्रवक्ता ने पीटीआई को बताया है कंपनी ने एयर इंडिया के लिए बोली लगाई है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने भारतीय मीडिया की खबरों का हवाला देकर कहा है कि स्पाइस जेट के प्रमोटर अजय सिंह ने भी एयर इंडिया के लिए बोली लगाई है. हालांकि उसने खबर की पुष्टि नहीं की है.

स्पाइस जेट के प्रमोटर ने भी लगाई एयर इंडिया के लिए बोली?

डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट यानी DIPAM के सेक्रेट्री तुहिन कांत पांडे ने ट्वीट कर कहा है कि ट्रांजेक्शन एडवाइजर को एयर इंडिया के लिए बोलियां मिली हैं. बिड फाइनल करने की प्रक्रिया आखिरी दौर में है. एक दूसरे बड़े अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर रॉयटर्स को बताया कि सरकार एयर इंडिया की बिक्री के लिए जल्द ही फ्लोर प्राइस तय करेगी. टाटा सन्स ने एयर इंडिया के बोली लगाने की पुष्टि कर दी है. पीटीआई ने टाटा सन्स के प्रवक्ता के हवाले से यह खबर दी है. स्पाइस जेट के प्रमोटर अजय सिंह की ओर से भी बोली लगाने की खबरें मीडिया में है. लेकिन स्पाइस जेट ने अपनी ओर से इसकी पुष्टि नहीं की है.

700 अरब रुपये के घाटे में है एयर इंडिया

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एयर इंडिया फिलहाल 700 अरब रुपये के घाटे में है. सरकार इसमें अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. सरकार इसे 2012 से लगातार बेलआउट पैकेज देती आ रही है. 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद इसे नए सिरे से बेचने की कोशिश तेज हुई लेकिन अब तक उसे कोई खरीदार नहीं मिला है. तीन साल पहले इसकी ज्यादातर हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की गई थी लेकिन उस वक्त कोई कंपनी इसे खरीदने की लिए आगे नहीं आई थी. इसके बाद बिडिंग की शर्तें आसान भी की गईं लेकिन कोविड की वजह से एयरलाइंस को बेचने की प्रक्रिया धीमी पड़ गई थी. सरकार एयर इंडिया में अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है. इसके साथ ही वह एयर इंडिया एक्सप्रेस लिमिटेड में 100 फीसदी और एयर इंडिया की SATS Airport Services Private Ltd. में 50 फीसदी हिस्सेदारी बेचना चाहती है.

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