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DAC एक यूनिक एड्रेस होगा, जो आधार कोड की तरह ही है.
Digital Address Code (DAC): ऑनलाइन डिलिवरी की बुकिंग या प्रॉपर्टी टैक्स के लिए अब आपको नाम पता,भरने की जरूरत नहीं होगी.आपको सिर्फ आधार जैसे यूनिक कोड की जरूरत पड़ेगी. सरकार की ओर से जल्द ही देश में हरेक पते के लिए डिजिटल एड्रेस कोड यानी DAC लाने जा रही है. सरकार का डाक विभाग डिजिटल एड्रेस कोड बनाने की तैयारी में लगा है.विभाग ने इस बारे में अपनी ऑफिशियल वेबसाइट पर एक ड्राफ्ट अप्रोच पेपर अपलोड किया है ताकि आम लोग समेत तमाम स्टेकहोल्डर्स इस पर अपना फीडबैक दे सकेंगे .
हर दफ्तर, फ्लैट और अपार्टमेंट का होगा यूनिक DAC
इस वक्त आधार को एड्रेस प्रूफ की तरह इस्तेमाल किया जाता है लेकिन इस पर लगे पते का डिजिटली Authentication नहीं हो पाता है. अब DAC का डिजिटली Authentication हो सकेगा. DAC किसी भी एड्रेस का यूनिक कोड होगा. इसमें आवासीय पता से लेकर दफ्तरों और कंपनियों के एड्रेस भी शामिल होंगे.उदाहरण के लिए हरेक फ्लैट या अपार्टमेंट का अपना DAC होगा. यह कोड हर एड्रेस के लिए परमानेंट होगा. DAC की वेरिफिकेशन होगी. सभी वेरिफाइड DAC ऑनलाइन एड्रेस Authentication के लिए मान्य होंगे.
DAC के फायदे
DAC, KYA वेरिफिकेशन को आसान बनाएगा. बैंकिंग, इंश्योरेंस टेलीकॉम सेक्टर के लिए यह बेहद कारगर होगा क्योंंकि वहां ग्राहकों के केवाईसी की जरूरत होती है.इससे ई-कॉमर्स सेक्टर को भी काफी फायदा होगा क्योंकि उससे उनकी डिलीवरी की क्वालिटी बढ़ जाएगी. ई-कॉमर्स में धोखाधड़ी से भी बचा जा सकेगा. सरकारी स्कीमों को सरल बनाने और सही ढंग से लागू करने में भी यह मददगार होगा. प्रॉपर्टी टैक्सेशन, इमरजेंसी रेस्पॉन्स,डिजास्टर मैनेजमेंट, चुनाव प्रबंध, इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग और मैनेजमेंट में भी यह काफी कारगर साबित होगा.
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