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चीनी-पाकिस्तानी के भारतीय कंपनी में डायरेक्टर बनने पर सख्ती, मोदी सरकार ने पड़ोसी देशों के लिए बदले नियम

पड़ोसी देश के किसी इंडिविजुअल को किसी भारतीय कंपनी का निदेशक बनाने को लेकर मोदी सरकार ने नियम सख्त कर दिए हैं.

पड़ोसी देश के किसी इंडिविजुअल को किसी भारतीय कंपनी का निदेशक बनाने को लेकर मोदी सरकार ने नियम सख्त कर दिए हैं.

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Government amends norms for appointment of directors

चीन समेत अन्य पड़ोसी देशों से किसी इंडिविजुअल को भारतीय कंपनी के बोर्ड में डायरेक्टर बनाने के लिए सिक्योरिटी क्लियरेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है.

पड़ोसी देश के किसी इंडिविजुअल को किसी भारतीय कंपनी का निदेशक बनाने को लेकर मोदी सरकार ने नियम सख्त कर दिए हैं. चीन समेत अन्य पड़ोसी देशों से किसी इंडिविजुअल को भारतीय कंपनी के बोर्ड में डायरेक्टर बनाने के लिए सिक्योरिटी क्लियरेंस लेना अनिवार्य कर दिया गया है. हालिया हफ्तों में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने भारत की सीमा से लगे देशों की कंपनियों और इंडिविजुअल्स की योग्यता से जुड़े नियमों में कई संशोधन किया था. भारतीय सीमा से लगे देश चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमार और अफगानिस्तान हैं.

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एक जून से नया नियम प्रभावी

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सरकार ने कंपनी एक्ट, 2013 के तहत निदेशकों को नियुक्ति और योग्यता से जु़ड़े नियमों में बदलाव किया है. इसके मुताबिक अब अगर भारतीय सीमा से लगे किसी देश का कोई नागरिक भारतीय कंपनी में निदेशक के तौर पर जुड़ना चाहता है तो इसके लिए उसे केंद्रीय गृह मंत्रालय से सिक्योरिटी क्लियरेंस लेना अनिवार्य होगा.यह नियम एक जून से प्रभावी हो चुका है. जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक बिना जरूरी सिक्योरिटी क्लियरेंस के अगर एप्लीकेशन सबमिट होता है तो डायरेक्टर आइडेंटिफिकेशन नंबर (DIN) के लिए आवेदन पर एप्लीकेशन नंबर जेनेरेट नहीं होगा.

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निवेश को लेकर पहले ही सख्त हो चुके हैं नियम

केंद्र सरकार पड़ोसी देश से निवेश को लेकर पहले ही नियम सख्त कर चुकी है. पिछले महीने 5 मई को मिनिस्ट्री ने भारतीय सीमा से लगे देशों की कंपनियों और नागरिकों को भारतीय कंपनियों में निवेश से पहले मंजूरी लेना अनिवार्य कर दिया. इसमें प्रॉस्पेक्टस और सिक्योरिटीज के अलॉटमेंट से जुड़े नियमों में संशोधन भी शामिल है.