/financial-express-hindi/media/post_banners/HzA2z3DvQbkqBz2aucqg.jpg)
The GST rollout faced many hurdles due to the then constitutional scheme which divided the states’ and the Centre’s powers for levy of tax on goods and services.
जीएसटी पोर्टल पर तकनीकी खामियों के चलते टैक्सपेयर्स को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसे देखते हुए सरकार ने आज मंगलवार (17 मई) जानकारी दी है कि वह अप्रैल के टैक्स भुगतान की डेडलाइन बढ़ाने पर विचार कर रही है. इसके अलावा सरकार ने दिग्गज आईटी कंपनी इंफोसिस (Infosys) को जल्द से जल्द इस खामी को दूर करने का भी निर्देश दिया है. इंफोसिस को जीएसटी सिस्टम बनाने और मेंटेन करने के लिए वर्ष 2015 में 1380 करोड़ रुपये का कांट्रैक्ट मिला था.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. सीबीआईसी के मुताबिक पोर्टल पर अप्रैल 2022 के GSTR-2B के जेनेरेट होने और GSTR-3B के ऑटो-पॉपुलेशन में तकनीकी खामी की दिक्कत सामने आई. इसे देखते हुए सरकार अब डेडलाइन बढ़ाने पर विचार कर रही है और इंफोसिस को भी जरूरी निर्देश दिए गए हैं.
WPI Inflation: अप्रैल में रिकॉर्ड ऊंचाई पर थोक महंगाई दर, लगातार 13वें महीने दोहरे अंकों में
क्या है GSTR-2B और GSTR-3B
GSTR-2B एक ऑटो-ड्राफ्टेड इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) स्टेटमेंट है. यह जीएसटी सिस्टम में रजिस्टर्ड सभी कंपनियों के लिए उनके सप्लायर्स द्वारा GSTR-1 में अपने सेल्स रिटर्न की दी गई जानकारी के आधार पर उपलब्ध होता है. आमतौर पर किसी महीने का यह स्टेटमेंट अगले महीने की 12वीं तारीख को उपलब्ध हो जाता है जिसके आधार पर टैक्स का भुगतान और GSTR-3B फाइल करते समय आईटीसी क्लेम किया जा सकता है. GSTR-2B को अलग-अलग कैटेगरी के टैक्सपेयर्स को किसी महीने की 20, 22 और 24 तारीख को भरना होता है. अप्रैल में GSTR-3B फाइल करने में दिक्कतों को देखते हुए अब इसे फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाने पर विचार हो रहा है.
GSTR-2A भरने का अनुरोध
रविवार को जीएसटी नेटवर्क ने एक एडवायजरी जारी की थी. इस एडवायजरी के मुताबिक अप्रैल 2022 के GSTR-2B स्टेटमेंट में कुछ डिटेल्स नहीं दिख रही हैं और टैक्सपेयर्स को सेल्फ-एसेसमेंट बेसिस पर GSTR-3B फाइल करने को कहा है. जीएसटी नेटवर्क (GSTN) ने कहा कि तकनीकी टीम जल्द से जल्द GSTR-2B के जेनेरेट होने में दिक्कतों को ठीक करने की कोशिश कर रही है. ऐसे में अभी जीएसटी नेटवर्क ने GSTR-3B फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स को GSTR-2A का इस्तेमाल करते हुए सेल्फ-एसेसमेंट बेसिस पर रिटर्न फाइल करने का अनुरोध किया है. GSTR-2A इनवार्ड सप्लाई का सिस्टम जेनेरेटेड स्टेटमेंट है.
(Input: PTI)