/financial-express-hindi/media/post_banners/n20j6kgvCJybaQ1QcWcJ.jpg)
Image: Reuters
/financial-express-hindi/media/post_attachments/OHS6dGlUhnkz1Pw592m3.jpg)
सरकार ने बाजार में बेचे जाने वाले सोने के गहनों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य किए जाने के नियमों को अधिसूचित कर दिया है. नए नियम अगले वर्ष 15 जनवरी से प्रभावी होंगे. आभूषण विक्रेताओं को इसके अनुपालन की तैयारियों के लिए एक साल का समय दिया गया है. इस नियम का उल्लंघन भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के प्रावधानों के तहत दंडनीय होगा.
अधिसूचना के अनुसार, बाजार में केवल पंजीकृत आभूषण विक्रेताओं को ही प्रमाणित बिक्री दुकानों के माध्यम से हॉलमार्क वाले सोने की चीजें बेचने की अनुमति होगी. पहले के दस ग्रेड के बजाय, पंजीकृत आभूषण विक्रेताओं को सोने के केवल तीन ग्रेड- 14, 18 और 22 कैरेट में आभूषण और कलाकृतियां बेचने की अनुमति होगी.
अभी स्वैच्छिक है हॉलमार्किंग
सोने की हॉलमार्किंग बहुमूल्य धातुओं की शुद्धता का प्रमाण है और फिलहाल ऐसा करना स्वैच्छिक है. बीआईएस पहले से ही अप्रैल 2000 से सोने के आभूषणों के लिए एक हॉलमार्किंग योजना चला रहा है और मौजूदा समय में लगभग 40 फीसदी स्वर्ण आभूषणों की हॉलमार्किंग की जा रही है. निर्यात के लिए सोने की हॉलमार्किंग आवश्यक नहीं है.
इन गोल्ड आइटम्स पर लागू नहीं
हॉलमार्किंग सोने के किसी ऐसे सामान पर लागू नहीं होगा, जिसका उपयोग चिकित्सा, दंत चिकित्सा, पशु चिकित्सा, वैज्ञानिक या औद्योगिक उद्देश्यों, सोने के धागे वाले सामान के लिए किया जाता है. हॉलमार्क वाले सोने के गहनों में चार प्रमुख चीजें होंगी- बीआईएस चिन्ह होगा; कैरेट की विशुद्धता; आकलनकर्ता एवं हॉलमार्किंग केन्द्रों का पहचान चिह्न या संख्या के अलावा आभूषण विक्रेता का पहचान चिह्न या उनका पहचान नंबर.
उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए प्रगतिशील कदम
भारतीय विश्व स्पर्ण परिषद के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर ने कहा, ‘‘एक साल के संक्रमण समय में उद्योग को मौजूदा सोने के स्टॉक को बेचने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा, साथ ही साथ इंफ्रास्ट्रक्चर में किसी भी कमी को दूर करने या लॉजिस्टिक्स में कोई उपयुक्त परिवर्तन करने का समय मिलेगा.’’ उन्होंने कहा कि हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाना उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए एक बहुप्रतीक्षित प्रगतिशील कदम है, विशेषकर महिलाएं, जिन्होंने अपनी मेहनत की कमाई को इसमें लगाया है.
रोजगार के मोर्चे और छोटे कारोबारियों को फायदा
सोमसुंदरम के अनुसार, जांच परख और हॉलमार्किंग के क्षेत्र में रोजगार की संभावना बढ़ जाएगी. हॉलमार्किंग प्रतिस्पर्धा का समान अवसर प्रदान करेगा, जिससे छोटे कारोबारियों को फायदा होगा. मौजूदा समय में 234 जिलों में 892 आकलन और हॉलमार्किंग केंद्र हैं तथा 28,849 आभूषण विक्रेताओं ने बीआईएस पंजीकरण लिया है. सरकार की योजना देश के प्रत्येक जिले में हॉलमार्किंग केंद्र स्थापित करने की है.