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But what came to us as a surprise was the massive inflow of foreign capital, which has added a lot of liquidity into the system, Das noted. (File)
सरकार में आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ा दिया है. सरकार ने उन्हें तीन साल के लिए री-अप्वायंट किया है. उनका कार्यकाल दिसंबर 2021 को उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा था, लेकिन कैबिनेट नियुक्ति समिति ने शक्तिकांत दास को अगले तीन साल की अवधि के लिए उन्हें आरबीआई का गवर्नर बनाए रखने के फैसले पर मुहर लगा दी. 10 दिसंबर को वो 26वें गवर्नर नियुक्त होंगे.
आरबीआई का महंगाई नियंत्रण से ज्यादा ग्रोथ पर ध्यान
सरकार का यह फैसला इस बात का संकेत है कि आरबीआई का ज्यादा जोर अब महंगाई नियंत्रण से ज्यादा ग्रोथ पर होगा. आरबीआई अब तक चली आ रही मॉनेटरी पॉलिसी में बदलाव कर सकती है. सरकार और आरबीआई महंगाई नियंत्रण के मोर्चे पर थोड़ी ढील दे सकते हैं.
उर्जित पटेल के इस्तीफे के बाद दास बने थे गवर्नर
दास करियर ब्यूरोक्रेट हैं. 2018 में सरकार और आरबीआई के बीच विवाद के बाद तत्कालीन आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने अचानक इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद सरकार शक्तिकांत दास को गवर्नर बनाया गया. वित्त मंत्रालय में वह पहली बार 2008 में संयुक्त सचिव बने जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे. शक्तिकांत दास को दिसंबर 2013 में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय में सचिव बनाया गया, लेकिन मई 2014 में केंद्र में बीजेपी सरकार बनने के बाद उन्हें वापस वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव बना दिया गया.
दास के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना से बुरी तरह हिल चुकी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए नीतियां बनाना है.केंद्रीय बैंक और आईएमएफ ने कहा है भारतीय अर्थव्यवस्था मौजूद वित्त वर्ष के दौरान 9.5 फीसदी की ग्रोथ हासिल करेगी. हालांकि रोजगार बढ़ाना आरबीआई और सरकार के लिए एक चुनौती बना हुआ है. रिजर्व बैंक की अगली नीतियों के लेकर उन पर नजर बनी रहेगी.