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The pension & group superannuation business vertical crossed one trillion mark successively for two years in a row by collecting Rs 1,27,769 crore as new business premium income.
LIC IPO : सरकार एलआईसी (LIC) के आईपीओ में विदेशी निवेशकों के निवेश का रास्ता साफ करने की तैयारी में लगी है. केंद्र सरकार देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी में एफडीआई को मंजूरी देने पर विचार कर रही है. वित्त मंत्रालय और डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट यानी DIPAM के बीच इस पर बातचीत चल रही है. मौजूदा एफडीआई पॉलिसी में इंश्योरेंस सेक्टर में ऑटोमेटिक रूट के जरिये 74 फीसदी एफडीआई की अनुमति है. हालांकि यह नियम एलआईसी के मामले में लागू नहीं होता है क्योंकि यह एक अलग एलआईसी कानून के तहत संचालित होती है.
सरकार को करना पड़ेगा एलआईसी कानून में संशोधन
सेबी के नियमों के मुताबिक एफपीआई और एफडीआई को पब्लिक ऑफर (आईपीओ) में निवेश की अनुमति है. लेकिन एलआईसी के कानून के मुताबिक इसमें विदेशी निवेश का कोई प्रावधान नहीं है. इसलिए अगर एलआईसी के आईपीओ में विदेशी निवेशकों को भी निवेश की छूट देने को अनुमति मिल जाती है तो इससे संबंधित नियमों में संशोधन करना होगा. कैबिनेट ने जुलाई में एलआईसी के आईपीओ को मंजूरी दे दी थी. यह भारत का सबसे बड़ा आईपीओ होगा. जैफरीज इंडिया (Jefferies India) के एनालिस्ट्स के मुताबिक लिस्टिंग के बाद एलआईसी की वैल्यू 261 अरब डॉलर पहुंच सकती है. सरकार चालू वित्त वर्ष के आखिर में एलआईसी का आईपीओ ला सकती है. डेलॉयट और एसबीआई कैप्स आईपीओ से पहले की तैयारी के लिए सलाहकार नियुक्त किए गए हैं. कई इनवेस्टमेंट बैंकर एलआईसी के आईपीओ का काम देखेंगे.
आईपीओ के लिए 16 मर्चेंट बैंकरों में होड़
फिलहाल, एलआईसी के विशाल आईपीओ को मैनेज करने के लिए 16 मर्चेंट बैंकरों मे होड़ है. इस सप्ताह ये सभी बैंक DIPAM के सामने प्रजेंटेशन देंगे. इसमें बीएनपी परिबा (BNP PARIBAS), सिटीग्रुप ग्लोबल (Citigroup Global) और डीएसपी मेरिल लिंच ( DSP Merrill Lynch) जैसे सात विदेशी निवेशक बैंक शामिल हैं.