/financial-express-hindi/media/post_banners/kbU2H5HDLxXZEWbcsJ4L.jpg)
1 फरवरी को पेश होने बजट में म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बड़ा एलान हो सकता है.
/financial-express-hindi/media/post_attachments/njvWCoXwAbGOZbQ9FiYO.jpg)
Mutual Fund Budget 2020: आगामी 1 फरवरी को पेश होने बजट में म्यूचुअल फंड निवेशकों के लिए बड़ा एलान हो सकता है. बजट में सरकार टैक्स छूट के फायदे वाली म्यूचुअल फंड की नई स्कीम के बारे में एलान कर सकती है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन बजट में ऐसी लो कास्ट डेट लिंक्ड सेविंग्डे स्कीम के लॉन्च की घोषणा कर सकती हैं, जिसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत छूट मिल सके. इस बारे में एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड यानी Amfi ने सरकार को लंबे समय से प्रपोजल भेजा हुआ है. Amfi ने एक बार फिर सरकार से इसे अमल में लाने का आग्रह किया है.
अभी ELSS पर मिलती है छूट
बता दें कि अभी बाजार में सिर्फ इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम यानी ELSS ही है, जिस पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत छेूट मिल रही है. इनमें से ज्यादातर स्कीमों का लॉक इन पीरियढ 3 साल का होता है. टैक्स सेवर फंड के रूप में इन स्कीमों में सुरक्षित रिटर्न और टैक्स बचाने के लिए निवेशक पैसे लगाते हैं. बाजार के जानकारों का मानना है कि अगर ELSS की ही तरह डेट फंडों में भी नई स्कीम को मंजूरी मिलती है तो इससे डेट मार्केट को मजबूती मिलेगी.
रिटेल इन्वेस्टर्स फ्रेंडली हो निवेश
इंडस्ट्री के अनुसार यह मांग भी है कि म्यूचुअल फंड में निवेश और ज्यादा रिटेल इन्वेस्टर्स फ्रेंडली होना चाहिए. गोल्ड और कमोडिटी ETFs में होल्डिंग मौजूदा 3 साल से घटाकर 1 साल किया जाना चाहिए. इससे एलटीसीजी टैक्स में निवेशकों को लाभ होगा. लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों का ULIP लाए जाने की भी डिमांड की गई है. EPFO, NPS और इंश्योरेंस कंपनियों के म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने पर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स से छूट की भी डिमांड एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया द्वारा की गई है.
म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को मिलेगी मजबूती
एसोसिएशन आफ म्यूचुअल फंड इन इंडिया (Amfi) के चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर एनएस वेंकटेश का कहना है कि इंडस्ट्री ने यह प्रपोजल सरकार को कुछ साल पहले दिया था, लेकिन इस पर अबतक अमल नहीं हो पाया है. हमें उम्मीद है कि भले ही देर हुई हो, सरकार इस बार इंडस्ट्री के विचारों पर गौर करेगी. अगर ऐसा होता है तो इससे न सिर्फ बांड मार्केट या म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री को नई दिशा मिलेगी, देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी. फिजिकल गोल्ड से निवेश गोल्ड ETFs की ओर शिफ्ट होगा, जो इकोनॉमी के लिए बेहतर है.
(एजेंसी से भी इनपुट)