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जून महीने में जीएसटी कलेक्शन में बड़ी गिरावट आई है. लगभग आठ महीने बाद जीएसटी कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से नीचे चला गया है. जून महीने में जीएसटी कलेक्शन 92,849 करोड़ रुपये रहा. पिछले साल जून (2020) की तुलना में यह 2 फीसदी ज्यादा है लेकिन इस साल मई महीने की तुलना में यह कम है. मई महीने में जीएसटी कलेक्शन 1.02 लाख करोड़ रुपये था.
लगातार आठ महीने एक लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा था जीएसटी कलेक्शन
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक जून, 2021 में जीएसटी रेवेन्यू 92,849 करोड़ रुपये रहा. इसमें सेंट्रल जीएसटी का हिस्सा 16,424 करोड़ रुपये का रहा, जबकि राज्य जीएसटी 20,397 करोड़ रुपये का रहा. वहीं इंटिग्रेटेड जीएसटी कलेक्शन 49,079 करोड़ रुपये का रहा (इसमें आयातित सामानों पर वसूला गया 20,397 करोड़ रुपये का जीएसटी शामिल है). इसके साथ 6,949 करोड़ रुपये सेस वसूला गया. पिछले आठ महीनों से हर महीने जीएसटी की वसूली एक लाख करोड़ रुपये से अधिक हो रही थी . मई में 1.02 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी की वसूली हुई थी.लेकिन जून में यह घट कर 92,849 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
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लॉकडाउन की पाबंदियों की वजह से धीमी पड़ी बिजनेस गतिविधियों का असर
मंत्रालय के मुताबिक जून का जीएसटी कलेक्शन मई महीने के बिजनेस से आया है. मई में ज्यादातर राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोविड की दूसरी लहर को काबू करने के लिए लॉकडाउन और पाबंदियां लगाई गई थीं. इससे आर्थिक गतिवधियां घट गईं. जीएसटी कलेक्शन पर इसका असर पड़ा है. पिछले महीने महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली जैसे औद्योगिक राज्यों में मैन्यूफैक्चरिंग में गिरावट दर्ज की गई थी. देश की कई बड़ी वाहन कंपनियों में से कइयों ने अपना प्रोडक्शन बंद रखा था. इनमें मारुति, हीरो मोटोकॉर्प और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियां शामिल हैं. हालांकि अब इन कंपनियों में मैन्यूफैक्चरिंग की रफ्तार पकड़ ली है