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Mankind Pharma files for IPO, could be one of largest ever in pharma (File)
Harsha Engineers IPO: प्रिसिजन बियरिंग केज बनाने वाली कंपनी हर्षा इंजीनियर्स इंटरनेशनल लिमिटेड (Harsha Engineers) के आईपीओ को आज भी निवेशकों ने जमकर सब्सक्राइब किया. सब्सक्रिप्शन के दूसरे दिन यह आईपीओ 10.35 गुना सब्सक्राइब हुआ है. NSE के आंकड़ों के अनुसार आज दूसरे दिन इस आईपीओ को 1,68,63,795 शेयरों के मुकाबले 17,45,50,545 शेयरों के लिए बोलियां मिलीं. बता दें कि इस आईपीओ में निवेशक शुक्रवार यानी कल तक पैसे लगा सकते हैं.
अलग-अलग कैटेगरी में कितना मिला सब्सक्रिप्शन
वैसे तो सभी कैटेगरी में इस आईपीओ को निवेशकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है लेकिन सबसे ज्यादा नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स ने इसे सब्सक्राइब किया है. आज सब्सक्रिप्शन के दूसरे दिन नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के हिस्से को 24.91 यानी लगभग 25 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है. इसके अलावा, क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) की कैटेगरी को 1.63 गुना और रिटेल इंडिविजुअव इन्वेस्टर्स (RII) की कैटेगरी को 9.14 गुना सब्सक्रिप्शन मिला है. प्रिसिजन बियरिंग केज बनाने वाली कंपनी हर्षा इंजीनियर्स इंटरनेशनल ने अपने 755 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए 314-330 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया है. इस आईपीओ में 455 करोड़ रुपये के नए इश्यू जारी होंगे, जबकि शेयर होल्डर्स व प्रमोटर्स द्वारा 300 करोड़ रुपये का ऑफर फॉर सेल लाया जा रहा है.
कहां होगा फंड का इस्तेमाल
कंपनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों में से कंपनी 270 करोड़ रुपए से कर्ज का भुगतान करेगी. इसके साथ ही कंपनी द्वारा वर्किंग कैपिटल फंड के लिए 76 करोड़ रुपए का इस्तेमाल किया जाएगा. इंफ्रास्ट्रक्चर रिपेयर व मौजूदा फैसिलिटीज के रेनोवेशन में 7.12 करोड़ रुपए खर्च किये जाएंगे. कंपनी इन पब्लिक इश्यू का आधा हिस्सा यानी 50 फीसदी हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (QIBs) के लिए रिजर्व में रखेगी. जबकि 35 फीसदी हिस्सा रिटेल इन्वेस्टर्स और 15 फीसदी हिस्सा नॉन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स के लिए सुरक्षित रखा जाएगा.
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कंपनी से जुड़ी डिटेल
1986 में राजेंद्र शाह और हरीश रंगवाला ने हर्ष इंजीनियर्स इंटरनेशनल कंपनी की स्थापना की थी. कंपनी की गुजरात में तीन और चीन व रोमानिया में एक-एक प्रोडेक्शन यूनिट्स हैं. कंपनी की 99.7 फीसदी हिस्सेदारी प्रमोटर्स के पास है. बीते फाइनेंशियल ईयर में कंपनी ने 91.94 करोड़ रुपये का प्रॉफिट के साथ कुल 1,321.48 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल किया था, जो बीते साल की तुलना में 45.44 प्रतिशत ज्यादा है. हालांकि इस दौरान कंपनी का कर्ज 322.08 करोड़ रुपये से बढ़कर 356.59 करोड़ रुपये हो गया है.