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Havells, Crompton Greaves, 3M India जैसे कंज्यूमर शेयर देंगे हाई रिटर्न, ऑर्गनाइज्ड सेक्टर पर फोकस का मिलेगा फायदा

मजबूत रिटर्न रेश्यो, हेल्दी ग्रोथ कैपेसिटी और लो पेनिट्रेशन लेवल को ध्यान में रखते हुए ब्रोकरेज हाउस का व्हाइट गुड्स एंड ड्यूरेबल्स सेक्टर पर सट्रक्चरल पॉजिटिव व्यू है.

मजबूत रिटर्न रेश्यो, हेल्दी ग्रोथ कैपेसिटी और लो पेनिट्रेशन लेवल को ध्यान में रखते हुए ब्रोकरेज हाउस का व्हाइट गुड्स एंड ड्यूरेबल्स सेक्टर पर सट्रक्चरल पॉजिटिव व्यू है.

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Sushil Tripathi
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Havells, Crompton Greaves, 3M India जैसे कंज्यूमर शेयर देंगे हाई रिटर्न, ऑर्गनाइज्ड सेक्टर पर फोकस का मिलेगा फायदा

कंज्यूमर ड्यूरेबल्स में ग्राहकों का फोकस अब अनआर्गेनाइज्ड से आर्गेनाइज्ड सेक्टर पर बढ़ा है. (image: pixabay)

व्हाइट गुड्स एंड ड्यूरेबल्स सेक्टर की बात करें तो अब कंज्यूमर का फोकस अनआर्गेनाइज्ड सेक्टर से आर्गेनाइज्ड सेक्टर की ओर बढ़ा है. जिससे स्टेबल कंपनियों को फायदा मिल रहा है. वहीं अब कोविड 19 की चुनौतियों से निकलकर अब सेक्टर को बेहतर डिमांड भी मिल रही है. ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का सेक्टर को लेकर पॉजिटिव व्यू है. ब्रोकरेज का कहना है कि इस सेक्टर के लिए कंपनियों का मजबूत रिटर्न रेश्यो, हेल्दी ग्रोथ कैपेसिटी और साथ ही लो पेनिट्रेशन लेवल देखते हुए व्यू पॉजिटिव है. आगे कुछ शेयर बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं. हालांकि कुछ रिस्क फैक्टर ग्रोथ को लेकर कंसर्न हैं.

सेक्टर पर क्यों पॉजिटिव व्यू

ब्रोकरेज हाउस आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज का कहना है कि मजबूत रिटर्न रेश्यो, हेल्दी ग्रोथ कैपेसिटी और लो पेनिट्रेशन लेवल को ध्यान में रखते हुए व्हाइट गुड्स एंड ड्यूरेबल्स सेक्टर पर सट्रक्चरल पॉजिटिव व्यू है. ब्रोकरेज को उम्मीद है कि अनआर्गेनाइज्ड सेक्टर से आर्गेनाइज्ड सेक्टर में लगातर माइग्रेशन वैल्यू जेनरेट करेगा. हालाकि कच्चे तेल की कीमतों में उम्मीद से ज्यादा तेजी, मार्जिन को प्रोटेक्ट करने के लिए प्राइस हाइक में देरी और मूल्य वृद्धि में कोई देरीइरेशनल कॉम्पिटीशन सेक्टर के लिए रिस्क फैक्टर हैं.

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प्राइस हाइक से वॉल्यूम पर असर

ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि ऐसी रिपोर्ट आ रही हैं कि एलईडी बल्बों पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से बढ़कर 18 फीसदी हो सकती है. ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि लइटिंग जैसे प्रतियोगी सेग्मेंट के लिए टैक्स में बढ़ोतरी होती है तो इससे जुड़ी कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ेगा. इससे छोटी और अनआर्गेनाइज्ड सेक्टर की कंपनियों को मार्केट शेयर बढ़ाने में मदद मिल सकती है. असल में ज्यादातर ड्यूरेबल कंपनियों ने पिछले 18 महीनों में कीमतों में 20 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी की है, ऐसे में एक और प्राइस हाइक उनके वॉल्यूम पर असर डाल सकता है.

अर्निंग पर 2-5 फीसदी असर

ब्रोकरेज का कहना है कि प्राइस हाइक के चलते व्हाइट गुड्स एंड ड्यूरेबल्स कंपनियों में डाउन-ट्रेडिंग हो सकती है. Crompton, Orient और Bajaj Electricals जैसी ड्यूरेबल कंपनियां लाइटिंग सेगमेंट से 20 फीसदी से अधिक रेवेन्यू जेनरेट करती हैं, जबकि Havells 10 फीसदी रेवेन्यू जेनरेट करती है. टैक्स में किसी भी तरह की बढ़ोतरी का कंपनियों की अर्निंग पर 2-5 फीसदी असर पड़ेगा. फिलहाल ब्रोकरेज हाउस का व्हाइट गुड्स एंड ड्यूरेबल्स सेक्टर पर पॉजिटिव व्यू है. ब्रोकरेज ने अपनी टॉप पिक्स में Havells (BUY) और Crompton Greaves (BUY) को शामिल किया है.

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(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)

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