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HDFC Bank का पैरेंट कंपनी HDFC के साथ विलय का रास्ता साफ होता दिख रहा है. (File)
HDFC Bank & HDFC Merger Plan: निजी क्षेत्र के दिग्गज बैंक HDFC Bank का पैरेंट कंपनी HDFC के साथ विलय का रास्ता साफ होता दिख रहा है. HDFC Bank ने कहा है कि पैरेंट कंपनी के साथ मर्जर के प्रस्ताव पर स्टॉक एक्सचेंज बांबे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) से मंजूरी मिल गई है. BSE से बैंक को नो एडवर्स आब्जर्वेशन और NSE से नो आब्जेक्शन मिला है. बैंक ने बीएसई फाइलिंग में इस बात की जानकारी दी है. बता दें कि दोनों कंपनियों के मर्जर का प्रसताव इसी साल अप्रैल में सामने आया था.
HDFC Bank ने कहा कि स्टॉक एक्सचेंज से प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. हालांकि HDFC Bank और HDFC के मर्जर का प्रस्ताव अन्य बातों के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक, भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग, राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण और योजना में शामिल कंपनियों के संबंधित शेयरधारकों और लेनदारों से अनुमोदन सहित विभिन्न वैधानिक और रेगुलेटरी अप्रूवल के अधीन है.
क्या है मर्जर का प्लान
HDFC के साथ विलय के बाद HDFC Bank दुनिया के सबसे बड़े बैंकों में शुमार हो जाएगा. यह सौदा करीब 6 हजार करोड़ डॉलर (4.53 लाख करोड़ रुपये) का है जो इस साल 2022 में अब तक का दूसरा सबसे बड़ा कारोबारी सौदा है. इस सौदे के पूरा होने पर विलय के बाद बैंक का मार्केट कैप 20 हजार करोड़ डॉलर (15.12 लाख करोड़ रुपये) के और करीब पहुंच सकता है. HDFC के अनुसार इस डील का उद्देश्य HDFC Bank के हाउसिंग लोन पोर्टफोलियो को बेहतर बनाना और इसका मौजूदा कस्टमर बेस बढ़ाना है. वहीं हाउसिंग फाइनेंस बिजनेस में भी तेजी आएगी. HDFC और HDFC Bank का यह मर्जर फिस्कल ईयर 2024 की दूसरी या तीसरी तिमाही तक पूरा होने की उम्मीद है.
शेयरधारकों को क्या मिलेगा
इस मर्जर में कंपनी के शेयरहोल्डर्स और क्रेडिटर्स भी शामिल होंगे. डील के तहत HDFC Bank 100 फीसदी सार्वजनिक शेयरधारकों के स्वामित्व में होगा. जबकि HDFC लिमिटेड के मौजूदा शेयरधारकों के पास HDFC Bank में 41 फीसदी हिस्सेदारी होगी. HDFC शेयरधारकों को प्रत्येक 25 इक्विटी शेयरों के बदले उन्हें संयुक्त कंपनी में शेयर एक्सचेंज रेश्यो के अनुसार 42 इक्विटी शेयर मिलेंगे.